इंदौर (भाषा)। रोहित शर्मा की बड़ी पारियों का राज सिर्फ ताकत ही नहीं बल्कि सटीक टाइमिंग भी है और भारत के इस आक्रामक सलामी बल्लेबाज का कहना है कि इसका राज मैदान को देखकर उसके अनुकूल खेलने की क्षमता है।
रोहित ने संयुक्त सबसे तेज टी20 शतक लगाने के बाद कहा, ”मेरे पास इतनी ताकत नहीं है। मैं टाइमिंग पर भरोसा करता हूं। मेरा मानना है कि यह मेरी ताकत भी है और कमजोरी भी। मैं मैदान को देखकर उसके अनुरुप खेलता हूं।” वह काफी सहजता से चौके छक्के लगाते हैं और क्रिस गेल जैसे बल्लेबाजों की तरह पावर हिटर नहीं हैं। लेकिन वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक और टी20 में दो शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं।
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यह पूछने पर कि क्या लंबे शाट खेलने के लिये वह तकनीक में कोई बदलाव करते हैं, रोहित ने कहा, ”छह ओवरों के बाद फील्ड बिखर जाती है। मैं देखता हूं कि चौके कहां लग सकते हैं। मैदान के अनुरुप खेलना जरुरी है।” उन्होंने कहा, ”मैं मैदान के चारों ओर मारना चाहता हूं। विरोधी टीम द्वारा लगाई गई फील्डिंग में संभावनायें तलाशना अहम है।”
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रोहित ने कहा, ”मैं सभी प्रारुपों में यही करने की कोशिश करता हूं। आप सिर्फ एक जगह पर नहीं मार सकते। इससे आपकी बल्लेबाजी को भांपना आसान हो जायेगा। मैदान के चारों ओर रन बनाना जरुरी है और यही मेरी ताकत है।” उनके मौजूदा फार्म को देखकर लगता है कि वह टी20 क्रिकेट में भी दोहरा शतक बना सकते हैं लेकिन रोहित ने कहा कि वह इस बारे में नहीं सोच रहें हैं।
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उन्होंने कहा, ”मैं सिर्फ रन बनाने के बारे में सोच रहा हूं। कोई लक्ष्य लेकर नहीं खेलता। सभी प्रारुपों में किसी रिकार्ड तक पहुंचने के लिये मैं रन नहीं बनाता।”