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जूनियर के पास रहेगा सीनियर टीम में भी जगह बनाने का मौका : ओल्टमैन्स

indian hocky team

नई दिल्ली (भाषा)। भारत की सीनियर हॉकी टीम के कोच रोलैंट ओल्टमैन्स ने कहा कि जूनियर हॉकी विश्व कप से भारत के पास न सिर्फ इस प्रतियोगिता में 15 साल बाद खिताब जीतने का मौका रहेगा बल्कि इससे युवा खिलाड़ियों को सीनियर कोर ग्रुप में शामिल होने का अवसर भी मिलेगा।

टोक्यो ओलंपिक 2020 तक सीनियर भारतीय हॉकी टीम के कोच नियुक्त किये गये ओल्टमैन्स ने हालांकि जूनियर खिलाड़ियों से केवल अपने काम पर ध्यान देने की अपील की क्योंकि अगला कोर ग्रुप तैयार करते समय विश्व कप और अगले एचआईएल में उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा।

जूनियर टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह के साथ युवा खिलड़ियों की तैयारियों पर नजर रखने वाले ओल्टमैन्स ने कहा, ‘‘मैं गुणवत्ता और नये खिलाड़ियों को आजमाने पर विश्वास करता हूं। मैंने जूनियर खिलाड़ियों से कहा कि 2017 एचआईएल के बाद नया कोर ग्रुप तैयार किया जाएगा और हर किसी के पास इसमें जगह बनाने का मौका रहेगा लेकिन यह विश्व कप और एचआईएल में उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने इसके साथ उनसे कहा है कि वे अभी सीनियर टीम के बारे में सोचकर खुद पर किसी तरह का बोझ नहीं डालें। अभी उनका मुख्य काम विश्व कप में एक टीम के रूप में खेलना है।” ओल्टमैन्स का मानना है कि लखनऊ में आठ से 18 दिसंबर तक चलने वाले जूनियर विश्व कप में भारतीय टीम सबसे संतुलित टीमों में से एक है।

ओल्टमैन्स ने कहा, ‘‘हमारी टीम काफी संतुलित है और यह हमारा मजबूत पक्ष है। एचआईएल में खेलने के कारण हमारे पास अन्य की तुलना में अधिक अनुभव है। हमने पिछले दो वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है और हमारे पास प्रत्येक विभाग में कुछ खास खिलाड़ी हैं। हम एक टीम के रूप में खेलेंगे और हमारा लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। हम आक्रामक हॉकी खलेंगे।” टूर्नामेंट में भारत की संभावना के बारे में ओल्टमैन्स ने हालांकि भविष्यवाणी नहीं की जिसके बारे में उनका कहना है कि इसमें कुछ चौंकाने वाले परिणाम आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मैं जानता हूं कि प्रत्येक चाहता है कि टीम स्वर्ण पदक जीते लेकिन यह काम करने की मेरी शैली नहीं है। टूर्नामेंट में प्रत्येक टीम पोडियम पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर आयी है। मैं एक बार में एक मैच पर ध्यान देने में विश्वास रखता हूं और मेरा तात्कालिक लक्ष्य कनाडा के खिलाफ हमारा पहला मैच है।” ओल्टमैन्स ने कहा, ‘‘जूनियर विश्व कप को लेकर दिलचस्प बात यह है इसमें हमेशा चौंकाने वाले परिणाम मिलते हैं। यदि आप पूर्व के टूर्नामेंट पर भी गौर करो तो इसमें अविश्वसनीय परिणाम आये हैं।” ओल्टमैन्स से पूछा गया कि भारत का कड़ा प्रतिद्वंद्वी कौन होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि सभी टीमें एक जैसी हैं। आस्ट्रेलिया, जर्मनी, अर्जेंटीना, नीदरलैंड, इंग्लैंड सभी को कुछ साबित करना होगा।” भारत को विश्व कप में इंग्लैंड, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के साथ पूल डी में रखा गया है। भारत ने इससे पहले जूनियर विश्व कप केवल एक बार 2001 में होबार्ट में जीता था।

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