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रोचक: सचिन सबसे ज्यादा हुए LBW के शिकार

sachin tendulkar

नई दिल्ली (आईएएनएस)। क्रिकेट में आउट होने के कुल 10 तरीके हैं और हर बल्लेबाज मुख्यत: नौ तरीकों से हमेशा आउट होता है। एक बचता है टाइम आउट, जिसका शिकार बहुत ही कम बल्लेबाज हुए हैं।

आउट होने के तरीकों में LBW होना आम बात है, लेकिन भारत के दो खिलाड़ी इसका शिकार करने और शिकर होने में टेस्ट क्रिकेट में अव्वल रहे हैं। टेस्ट में सबसे अधिक बार LBW होने का रिकार्ड जहां दुनिया के सार्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर के नाम है तो वहीं अनिल कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में LBW के जरिए सबसे अधिक विकेट अपने खाते में डाले हैं।

सचिन तेंदुलकर 63 बार LBW आउट हुए हैं। उनके बाद वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपॉल और इंग्लैंड के ग्राहम गूच का नाम आता है। दोनों क्रमश: 55 और 50 बार टेस्ट क्रिकेट में एलबीडब्ल्यू आउट हुए हैं।

गूच के बाद इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान एलिस्टर कुक हैं। वह 47 बार एलबीडब्ल्यू आउट हुए हैं। सबसे ज्यादा एलबीडब्ल्यू आउट होने वाले शीर्ष 10 खिलाड़ियों की सूची में पाकिस्तान के बल्लेबाज यूनिस खान कुक के बाद दूसरे बल्लेबाज हैं जो अभी भी खेल रहे हैं। यूनिस इस सूची में सातवें स्थान पर हैं। वह टेस्ट में अब तक कुल 43 बार पगबाधा आउट हुए हैं।

अनिल कुंबले।

LBW के जरिए विकेट लेने में कुंबले सबसे आगे

वहीं गेंदबाजों में LBW के जरिए शिकार करने में कुंबले सबसे आगे हैं। कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में कुल 619 विकेट लिए हैं, जिनमें से 156 विकेट उन्होंने पगबाधा के जरिए लिए हैं। उनके बाद मुथैया मुरलीधन का नंबर आता है, जिन्होंने अपने रिकॉर्ड 800 विकेटों में से 150 विकेट एलबीडब्ल्यू से हासिल किए हैं। तीसरे नंबर पर आस्ट्रेलिया के शेन वार्न हैं जिन्होंने अपने कुल 708 विकटों में से 138 विकेट एलबीडब्ल्यू से लिए हैं। हर खिलाड़ी एलबीडब्ल्यू का शिकार होता है, लेकिन विश्व क्रिकेट में ऐसा भी बल्लेबाज हुआ है जो अपने करियर में कभी एलबीडब्ल्यू हुआ ही नहीं। वो हैं आस्ट्रेलिया के जोए डार्लिग। जोए ने 1884 से 1905 के बीच आस्ट्रेलिया के लिए कुल 34 टेस्ट मैच खेले, लेकिन वह कभी भी पगबाधा आउट नहीं हुए। वहीं उन्हीं के हमवतन क्लैम हिल 89 पारियों में सिर्फ एक बार पगबाधा आउट हुए हैं।

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