Gaon Connection Logo

बैडमिंटन में भारत बना महाशक्ति पर यह वक्त जश्न मनाने का नहीं : गोपीचंद पुलेला

New Delhi

नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने शनिवार को कहा कि आज की तारीख में भारत बैडमिंटन विश्व पटल पर एक महाशक्ति के रूप में स्थान बना चुका है लेकिन उसके पास सुस्ताने या फिर इस सफलता का जश्न मनाने का समय नहीं क्योंकि इस सम्पन्नता के साथ उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ी है।

बैडमिंटन से जुड़े खेल सामग्री बनाने वाली प्रमुख कम्पनी योनेक्स इंडिया द्वारा बेंगलुरू में भारत में पहली फैक्टरी की शुरुआत की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में द्रोणाचार्य अवार्ड और पद्मभूषण से सम्मानित गोपीचंद ने कहा कि एक दशक पहले की तुलना में भारत आज बैडमिंटन को लेकर जश्न मना रहा है क्योंकि उसके खिलाड़ियों ने बीते एक दशक में अपार सफलता हासिल की है लेकिन यह उसके लिए सुस्ताने का वक्त नहीं क्योंकि वक्त से साथ उसकी जिम्मेदारी बढ़ गई है।

भारत की सफलता पर पूरी दुनिया की नजर

गोपीचंद ने कहा, “हमारी सफलता पर पूरी दुनिया की नजर है। आज भारत हर बड़ी प्रतियोगिता में पदक जीत चुका है और हमारे खिलाड़ी हर बड़ी प्रतियोगिता के लिए तैयार हैं। हमने बीते एक दशक में जो सफलता हासिल की है, वह सचमुच काबिलेतारीफ है और पूरी दुनिया इसका लोहा मानती है लेकिन इस सफलता के साथ एक जिम्मेदारी भी हमारे साथ जुड़ी है और यह जिम्मेदारी, इस सफलता को बनाए रखने की है। हमें आने वाले समय के लिए बेहतर पौध तैयार करने की जरूरत है और इस दिशा में प्रमुखता से काम होना चाहिए।”

स्पोर्ट्स से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

ऑल इंग्लैंड ओपन जैसा प्रतिष्ठित खिताब जीत चुके गोपीचंद ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) अपने अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता की देखरेख में बहुत अच्छा काम कर रहा है और उसके प्रयासों तथा खिलाड़ियों की सफलता का ही नतीजा है कि आज की तारीख में भारत में होने वाले हर एक आयोजन के लिए बड़े प्रायोजक तैयार रहते हैं। इससे खिलाड़ियों और दूसरे प्रायोजकों का मनोबल बढ़ता है।

भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद।

20 साल पहले प्रायोजकों का टोटा था

बकौल गोपीचंद, “20 साल पहले यह स्थिति नहीं थी। मैंने प्रायोजकों का टोटा झेला है लेकिन आज भारत में बैडमिंटन से जुड़ी कई कम्पनियां सक्रिय हैं और खिलाड़ियों तथा आयोजनों को प्रायोजित कर रही हैं। हमें कम्पनियों के इस जुड़ाव और इससे हासिल स्थिरता को आगे ले जाते हुए बैडमिंटन को निचले स्तर तक पहुंचाना होगा, जहां हजारों प्रतिभाएं मौके की तलाश में बैठी हैं।”

More Posts

अगले पाँच साल में 15,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय करेगी भारतीय बीज सहकारी समिति

भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मिलकर केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता से उन्नत...