अब मैं क्रिकेट नहीं देखता, मेरी राह अलग : अनुराग ठाकुर

cricket

हमीरपुर (आईएएनएस)। कितना अजीब संयोग है कि एक समय विश्व क्रिकेट की सबसे ताकतवर संस्था मानी जाने वाली-भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुखिया रहे अनुराग ठाकुर अब क्रिकेट नहीं देखते। क्रिकेट से जुड़े हर आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले अनुराग ने हालांकि इसके पीछे बाकी कामों में व्यस्तता और समय की कमी को कारण बताया है।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को बीसीसीआई में लागू करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के कारण अनुराग को बोर्ड अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। यहां से अनुराग ने बीसीसीआई से अपनी राह अलग कर ली और बाकी खेलों की तरफ मुड़ गए। अब उनका ध्यान अपने प्रदेश-हिमाचल में क्रिकेट के साथ-साथ बाकी खेलों के विकास पर है।

रहाणे का शतक, भारत ने वेस्टइंडीज को 105 रन से हराया

क्रिकेट प्रशासक के तौर पर हिमाचल में बेहतरीन मूलभूत सुविधाएं देने वाले अनुराग ने कहा कि अब वह ओलम्पिक खेलों की तरफ ध्यान दे रहे हैं और चाहते हैं कि हिमाचल में बाकी खेल भी मजबूती से आगे बढ़ें। इसी लक्ष्य के चलते उन्होंने पहली बार अपने प्रदेश में राजकीय ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराया है। अनुराग हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक संघ और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं।

बीसीसीआई से दूर होने के बाद क्रिकेट को याद नहीं करने के सवाल पर अनुराग ने कहा, ”मैं कुछ ‘मिस’ नहीं करता। मैं क्रिकेट भी नहीं देखता। मैंने चैम्पियंस ट्रॉफी का एक भी मैच नहीं देखा। समय भी नहीं है मेरे पास। राजनीति समय लेती है। बाकी जिम्मेदारियां समय लेती हैं। मेरे पास समय नहीं है आठ घंटे या चार घंटे मैच देखने का। अब मेरी प्राथमिकताएं बदल गई हैं।”

ये भी पढ़ें : कोहली को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है: अनुराग ठाकुर

अनुराग ने कहा कि शुरू से ही वह अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहते थे और यही कारण है कि सब यह देख सकते हैं कि उन्होंने राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में कितना विकास किया है और अब उनका ध्यान दूसरे खेलों के विकास पर है। उन्होंने कहा, ”मैं 2000 से 2017 तक बीसीसीआई में रहा। लेकिन शुरुआत से 2011-12 तक मैंने कभी कोई पद नहीं लिया। मुझे मिला तब भी मैंने मना कर दिया। मेरा फोकस बहुत अलग है। मैंने पहले हिमाचल में स्टेडियम बनाया। जो किसी ने 50 साल में नहीं किया वो मैंने पांच साल में किया और तीन-चार स्टेडियम भी बना दिए। फिर कहीं जा के मुझे लगा की अब मैं हिमाचल से बाहर ध्यान दे सकता हूं। तब मैंने बीसीसीआई में पद ग्रहण किया।”

ये भी पढ़ें : कोहली की ‘ड्रेसिंग रूम के अंदर झांकते’ हुए तस्वीर वायरल, लोगों ने किए मजेदार कॉमेंट्स

अनुराग कहते हैं कि बीसीसीआई से अलग होने के बाद वह अब दूसरे रास्तों पर निकल गए हैं। अनुराग ने कहा, ”मैंने अपना रास्ता चुन लिया है, ओलम्पिक की ओर, राजनीति की ओर। मुझे काम करने की आदत है। मैं 18-18 घंटे काम करता हूं। मैं काम के बिना नहीं रह सकता। नया रास्ता और लक्ष्य चुना है और यह काफी चुनौतीपूर्ण तथा समय लेने वाला है। ऐसे में भला किसी और चीज (क्रिकेट देखने) के लिए समय कहां मिलता है।”

ये भी पढ़ें : प्रिय कोहली, आप कभी कुंबले जैसा ‘विराट’ नहीं हो सकते

Recent Posts



More Posts

popular Posts