सियोल (आईएएनएस)। ओलंपिक रजत पदक विजेता भारतीय शटलर पी वी सिंधू (22 वर्ष) ने आज यहां विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को रोमांचक फाइनल मुकाबले में हराकर कोरिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का महिला एकल का खिताब जीतने के साथ ही विश्व चैंपियनशिप की हार का बदला भी चुकता किया।
पी वी सिंधू ने इस 600,000 डालर इनामी टूर्नामेंट के फाइनल में आठवीं वरीय जापानी खिलाड़ी ओकुहारा को एक घंटे 23 मिनट तक चले रोमांचक मैच में 22-20, 11-21, 20-18 से शिकस्त दी।पी वी सिंधू पिछले महीने ग्लास्गो में विश्व चैंपियनशिप के बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में नोजोमी ओकुहारा से हार गयी थी। इस मैच को विशेषज्ञों ने सर्वश्रेष्ठ मैच में से एक करार दिया था। आज उन्होंने जापानी खिलाड़ी से बदला चुकता किया और कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी।
एक महीने के अंदर दूसरी बार फाइनल में आमने-सामने होने के कारण फिर से रोमांचक मैच की उम्मीद की जा रही थी और आज के फाइनल में भी विश्व चैंपियनशिप की तरह कड़ा मुकाबला देखने को मिला। पी वी सिंधू ने फिर से जज्बे का शानदार नमूना पेश किया तथा अपने करियर का तीसरा सुपर सीरीज खिताब जीता।
विश्व में चौथे नंबर की सिधू ने 2016 में चाइना सुपर सीरीज प्रीमियर और इंडियन ओपन सुपर सीरीज जीती थी। उन्होंने ओकुहारा का आस्ट्रेलियाई ओपन और विश्व चैंपियनशिप के बाद लगातार तीसरा खिताब जीतने का सपना भी पूरा नहीं होने दिया।
इस जीत से पी वी सिंधू ने नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ अपने रिकार्ड को भी बराबरी पर ला दिया। इन दोनों के खिलाड़ियों ने अब एक दूसरे के खिलाफ आठ मैच खेले हैं जिनमें से चार-चार में उन्होंने जीत दर्ज की है। पी वी सिंधू ने पहले गेम में शुरू में 2-0 से बढ़त बनाई लेकिन ओकुहारा ने जल्द ही बराबरी कर ली। भारतीय खिलाड़ी फिर से 5-4 से आगे हो गई। इन दोनों के बीच विश्व चैंपियनशिप मैच की झलक 6-5 के स्कोर पर देखने को मिली जब उनके बीच लंबी रैलियां चली। सिंधू ने करारा स्मैश जमाकर यह अंक अपने नाम किया।
ओकुहारा ने हालांकि इसके बाद लगातार चार अंक बनाए। पी वी सिंधू ने स्कोर फिर से स्कोर 9-9 से बराबर किया लेकिन जापानी खिलाड़ी ब्रेक तक 11-9 से बढ़त बनाने में सफल रही। पी वी सिंधू ने बीच में आठ में पांच अंक हासिल किए और वह 14-13 से आगे हो गयी। इसके बाद दोनों में कुछ रोमांचक रैलियां देखने को मिली। सिंधू का एक साधारण रिटर्न नेट पर लग गया जिससे वह झल्ला गयी। इसके बाद उनका शाट बाहर चला गया और ओकुहारा को दो गेम प्वाइंट मिल गए।
जापानी खिलाड़ी हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाई और सिंधू ने उनकी गलतियों का फायदा उठाकर स्कोर 20-20 से बराबर कर दिया। सिंधू ने इसके बाद पहला गेम अपने नाम किया जो कि 28 मिनट तक चला।
विश्व में सातवें नंबर की ओकुहारा ने दूसरे गेम में शानदार वापसी की और इस बीच सिंधू ने कई गलतियां की। सिंधू शुरू से ही जूझती रही और ओकुहारा ने दबदबा बनाने में देर नहीं की। सिंधू के पास इसके बाद तीन मैच प्वाइंट थे। जापानी खिलाड़ी ने पहला मैच प्वाइंट तो बचा दिया लेकिन इसके बाद उनका शाट बाहर चला गया और भारतीय खिलाडी खुशी में झूम उठी।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जापानी ब्रेक तक 11-6 से आगे चल रही थी। सिंधू का संघर्ष इसके बाद भी जारी रहा। ऐसा लग रहा था कि भारतीय खिलाडी ने उम्मीद छोड़ दी है, ओकुहारा ने यह गेम आसानी से जीतकर मैच का निर्णायक गेम तक पहुंचा दिया।
सिंधू ने हालांकि निर्णायक गेम में दूसरे गेम की सारी गलतियों को पीछे छोड़कर शानदार वापसी की। उन्होंने शुरू से अच्छा खेल दिखाया और ब्रेक तक वह 11-5 से आगे हो गयी। दोनों बीच तीखी रैलियां चलती रही। ओकुहारा ने अपनी रक्षात्मक शैली का शानदार नमूना पेश किया और दोनों के बीच अंतर 16-18 कर दिया।