मंगलम् भारत
लखनऊ। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और ये अनिश्चितताएँ सिर्फ़ क्रिकेट के मैदान में ही नहीं दिखाई देतीं बल्कि कभी-कभी यह क्रिकेट मैदान के बाहर भी दिखाई देती हैं।
सब जानते हैं कि 1947 से पहले पाकिस्तान का कोई वजूद नहीं था। खिलाड़ी उस वक्त भारत की तरफ़ से खेलते थे। लेकिन जब भारत का बँटवारा हुआ, तो कई खिलाड़ी पाकिस्तान चले गए और कुछ भारत में ही रह गए। ऐसे तीन खिलाड़ी हैं, जो पहले भारतीय टीम की तरफ़ से खेलते थे और बाद में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का हिस्सा बने।
आमिर इलाही
1947 में अपने टेस्ट करियर की शुरूआत करने वाले आमिर ने अपना पहला टेस्ट और भारत की ओर से आखिरी टेस्ट सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेला। यह टेस्ट मैच 12 से 18 दिसम्बर तक चला, जो अन्ततः ड्रॉ पर ख़त्म हुआ। इस टेस्ट सीरीज़ में पाँच मैच खेले गए, जिनमें से चार मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस खिलाड़ी ने भारत के लिए एक मैच और पाकिस्तान की ओर से पाँच मैच खेले।
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गुल मोहम्मद
1956 में पाकिस्तान की ओर से गुल ने अपना पहला और आखिरी मैच कराची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेला। इस मैच में पाकिस्तान ने नौ विकेट से जीत दर्ज की। गुल ने 1946 से 1952 तक भारत की ओर मैच खेले। इस खिलाड़ी ने भारत की ओर से आठ और पाकिस्तान की ओर से एक मैच खेला।
अब्दुल हफ़ीज़ कारदार
अब्दुल हफ़ीज़ ने 1946 से 1948 तक भारत की ओर से और 1952 से 1958 तक पाकिस्तान की ओर से क्रिकेट मैच खेले। भारत की ओर से तीन मैच खेलने के बाद अब्दुल हफ़ीज़ ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बने। इस विषय पर विवाद होता रहा है कि कैसे केवल तीन मैच खेलने के बाद अब्दुल हफ़ीज़ को टीम का कप्तान बना दिया गया। हफ़ीज़ ने अपना टेस्ट करियर 1958 में समाप्त किया।
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