युवराज ने की कोहली की तारीफ, बोले- कप्तान का भरोसा बढ़ाता है आत्मविश्वास

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युवराज ने की कोहली की तारीफ, बोले- कप्तान का भरोसा बढ़ाता है आत्मविश्वासयुवराज ने कटक वन-डे में डेढ़ सौ रन बनाए।

कटक (भाषा)। कैंसर से संघर्ष के बाद युवराज सिंह ने एक समय क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में सोचा था लेकिन कप्तान विराट कोहली के विश्वास ने उसे ऐसा करने से रोका और उस विश्वास पर खरा उतरना इस धाकड़ बल्लेबाज के लिये लाजमी था।

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में कैरियर की सर्वश्रेष्ठ 150 रन की पारी खेलने के बाद युवराज ने कहा, ‘‘जब आपको टीम और कप्तान का भरोसा हासिल हो तो आत्मविश्वास आ ही जाता है। विराट ने मुझ पर काफी भरोसा दिखाया है और मेरे लिये यह काफी अहम है कि ड्रेसिंग रूम में लोगों को मुझ पर भरोसा हो।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक समय ऐसा भी था जब मुझे लग रहा था कि मुझे खेलते रहना चाहिये या नहीं। कई लोगों ने इस सफर में मेरी मदद की। मेरा फलसफा कभी हार नहीं मानने का है और मैं कभी हार नहीं मानता। मैं मेहनत करता रहा और मुझे पता था कि समय बदलेगा।''

इससे पहले युवराज ने आखिरी शतक 2011 विश्व कप में चेन्नई में लगाया था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे शतक बनाये लंबा समय हो गया था। मैं कैंसर से उबरकर खेल में लौटा हूं और पहले दो तीन साल काफी कठिन थे। मुझे फिटनेस पर मेहनत करनी पडी और मैं टीम से भीतर बाहर होता रहा, मेरी जगह टीम में पक्की नहीं रही।''

इस सत्र में रणजी ट्राफी में शानदार प्रदर्शन के दम पर युवराज की वापसी हुई है जिन्होंने अक्टूबर में बड़ौदा के खिलाफ 260 रन बनाये थे। युवराज ने कहा, ‘‘मैंने घरेलू सत्र में अच्छी बल्लेबाजी की, मैं बड़ी पारी खेलना चाहता था।'' युवराज को टीम में शामिल करने पर मिली जुली प्रतिक्रिया हुई थी और कुछ ने इसे पीछे की ओर कदम बताया लेकिन इससे इस खब्बू बल्लेबाज पर असर नहीं पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में नहीं सोचता कि कौन क्या कह रहा है और ना ही अखबार पढ़ता हूं। मैं टीवी भी नहीं देखता हूं. मैं अपने खेल पर फोकस करने की कोशिश करता हूं ताकि यह साबित कर सकूं कि अभी भी मेरे भीतर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बचा है।'' अब उनका लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा, ‘‘150 रन वनडे क्रिकेट में बड़ा स्कोर है। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है और मुझे यहां तक पहुंचने में काफी समय लगा लेकिन मैं इस पारी से बहुत खुश हूं। इस लय को कायम रखने की कोशिश करूंगा।''

युवराज और एम एस धोनी ने चौथे विकेट की साझेदारी में 256 रन जोडे़। इस बारे में युवराज ने कहा, ‘‘हम दोनों टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। उसे लगा कि मैं चौके लगा रहा हूं तो उसने स्ट्राइक रोटेट करना जारी रखा। हमारा पहला लक्ष्य साथ में 25 रन और फिर 50 रन पूरे करना था, इसके बाद हम शतकीय साझेदारी पूरी करना चाहते थे।'' युवराज और धोनी ने बीते समय में भी काफी अच्छी साझेदारियां की है और युवराज का कहना है कि इतने लंबे समय से उसके साथ बल्लेबाजी करना ही दोनों की साझेदारी की सफलता का राज है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम तब से साथ में बल्लेबाजी कर रहे है जब उसने अपने कैरियर का आगाज किया था। मैंने काफी पहले शुरुआत की थी। माही और मैंने भारत के लिये काफी मैच खेले है और हमारे बीच शुरू से अच्छा तालमेल है। हमारी विकेटों के बीच दौड़ हमेशा अच्छी रही है और उम्मीद है कि भविष्य में भी यह तालमेल कायम रहेगा।'' युवराज ने इस इंग्लैंड टीम को खतरनाक बताया जिसने दोनों वनडे में 350 से अधिक रन बनाये। उन्होंने कहा ,‘‘वे बहुत अच्छा खेल रहे हैं और उनके पास मध्यक्रम में कई खतरनाक खिलाड़ी हैं जो गेंदबाजों का मनोबल तोड़ सकते हैं, जितना ज्यादा ये खेलेंगे, उतना खेल बेहतर होगा।''

   

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