सरकार कर रही शिक्षकों के साथ भेदभाव: शिक्षक नेता

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सरकार कर रही शिक्षकों के साथ भेदभाव: शिक्षक नेतागाँव कनेक्शन

लखनऊ। प्रदेश में जिस सरकार को शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने अपनी रहनुमा बनाया, उसकी वादा खिलाफी एवं उपेक्षा पूर्ण व्यवहार से वे आहत हैं, ये विचार गुरुवार को नरही स्थित लोहिया भवन मे संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित शिक्षक संगठनों की बैठक में शिक्षक नेताओं ने व्यक्त किए गए।

शिक्षक समस्याओं के निराकरण न होने की स्थिति पर विचार करने के लिये संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा, अखिल भारतीय शिक्षकसंघ, तथा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के शीर्ष नेताओं की बैठक गुरुवार को नरही स्थित लोहिया भवन में आयोजित की गयी, जिसमें शिक्षक नेताओं नें शिक्षकों के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया। बैठक में मौजूद शिक्षकों ने कहा कि उनकी कुछ महत्वपूर्ण मांगों को समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र में स्थान देने के बावजूद उन पर अब तक राजाज्ञा जारी नहीं की गई।

शिक्षक नेताओं ने बताया कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने जैसी मांगें घोषणापत्र में हैं। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री खुद ये कहते नहीं थकते कि उन्होंने जो कहा था, कर दिया लेकिन शिक्षकों की यह मांग जायज होते हुए भी कार्यान्वित न हो सकी, जबकि मध्य प्रदेश, दिल्ली तथा बिहार जैसे राज्यों में यह लागू है तथा प्रदेश में भी कतिपय संवर्गों तथा डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि करने का सरकार का इरादा है।

बैठक को सम्बोधित करते हुए संयुक्त शिक्षक संघ मोर्चा के संयोजक तेजनारायण पाण्डेय ने कहा, ''शिक्षक सरकारों से कोई अपेक्षा न करें, उन्हें अब अपने बाहुबल पर भरोसा करना होगा और इसके लिए बिना किसी गुटीय भेदभाव अथवा महत्वाकांक्षा के एक मंच पर आना होगा।"

बैठक को उप्र माशिसं के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान शंकर त्रिवेदी तथा उप्र माशिसं के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. महेन्द्र नाथ राय ने कहा, ''सम्पूर्ण शिक्षक संवर्ग की नियुक्ति तथा सेवानिवृत्ति की शर्तें समान होनी चाहिए तथा सरकार को संगठन द्वारा किया गया वादा निभाना चाहिए।" अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार दुबे ने यह लड़ाई राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने की बात कही। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर सरकार को जागृत करने के लिये जनवारी में एक धरना आयोजित किया जाएगा।

 

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