सरकारी कीटनाशक से बर्बाद हुई फसल, मुआवजे की मांग

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सरकारी कीटनाशक से बर्बाद हुई फसल, मुआवजे की मांगगाँव कनेक्शन

मैनपुरी। पिछले वर्ष की अतिवृष्टि और ओलावृष्टि की मार से किसान अभी तक नहीं उबर नहीं पाए थे कि इस वर्ष सरकारी कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल से गेहूं की सैकड़ो बीघे फसल झुलस गईं। 

कृषि विभाग द्वारा बेची गई सल्फोसल्फुरान नामक कीटनाशक दवा ने बजाय कीटनाशकों को मारने के गेहूं की सैकड़ों बीघा फसल को तबाह कर दिया। 

दन्नाहार थाना क्षेत्र के गाँव नगला बूचा के किसान रामचन्द्र यादव (44वर्ष)बताते हैं, ''हम किसान तो अब बहुत परेशान हो गए हैं। सरकारी विभाग से जो कीटनाशक मिला, उसके छिड़कने के बाद गेहूं की फसल बर्बाद हो गई, बालियां जल गईं। इस नुकसान की भरपाई भी किससे मांगें अब।"

गेहूं की फसल को कीटनाशकों के हमले से बचाया जा सके, इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को कीटनाशक दवा सल्फोसल्फुरान बेची गई थी। किसानों को बताया गया था कि इस दवा के प्रयोग से गेहूं की फसल में कीटनाशकों का हमला नहीं होगा और उपज भी बेहतर होगी। 

किसानों ने सरकारी योजना देखकर बिना सोचे समझे दवा खरीदी और छिड़काव भी किया। दवा की बिक्री सरकारी केंद्रों से कराई गई थी। एक यूनिट दवा के लिए 195 रूपए प्रति किसान वसूले गए थे। जिले में बड़े पैमाने पर किसानों ने इस दवा की खरीददारी की। जिला कृषि अधिकारी, डॉ योगेन्द्र कुमार बताते हैं, "दवा के विपरीत प्रभावों की जानकारी मिलते ही पूरी खेप को वापस ले लिया गया है। जिन किसानों की फसलें इस दवा के छिड़काव की वजह से खराब हुई हैं, उनको मदद दिलाने के लिए प्रशासन के माध्यम से शासन को लिखा जाएगा।"

''हमें जैसा बताया गया वैसा ही किया, छिड़काव कर दिया जिससे कीट न लगें लेकिन इससे हमारी फसल ही झुलस गई। एक तो पहले से मुआवजा नहीं मिला है ऊपर से जो फसल थी वो भी गई।" नाथूराम (34वर्ष) बताते हैं। 

विभागीय अधिकारियों के अनुसार किसानों ने दवा का छिड़काव कर दिया। मगर, दवा छिड़काव के सप्ताह भर बाद ही पूरी फसल झुलस गई, जिन किसानों ने इस दवा का छिड़काव किया था, उन सभी की गेहूं की पूरी फसल तबाह हो गई। सरकारी दवा के छिड़काव से बर्बाद हुई सैकड़ों बीघा फसल ने विभाग की परेशानियां बढ़ा दी हैं। प्रशासन ने इस दवा की बिक्री पर पाबंदी लगाते हुए सभी सरकारी विक्रय केंद्रों से दवा की पूरी खेप को वापस मंगा लिया। लेकिन, किसानों की फसल नुकसान को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। 

प्रशासनिक रवैय्ये से भड़के किसान

मैनपुरी कलक्ट्रेट पर पहुंचे किसानों ने हाथों में गेहूं की जली हुई पौध लेकर प्रदर्शन किया। दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव नगला बूचा के किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग द्वारा उन्हें जो कीटनाशक दवा उपलब्ध कराई गई, वह पूरी तरह से एक साजिश है। किसानों भूरी सिंह, सुरेश चंद्र, मुकेश, ब्रजेश, सुनीता, रामजीवन, रामकिशन, श्रीकिशन, सरोज देवी आदि ने विभागीय अधिकारियों से मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह को प्रार्थना पत्र भी दिया है। 

रिपोर्टिंग - रतन सिंह 

 

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