सरकारी स्कूल में शिक्षक तो तीन हैं पर पढ़ाता रसोइयां है

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सरकारी स्कूल में शिक्षक तो तीन हैं पर पढ़ाता रसोइयां हैगाँव कनेक्शन

रिपोर्टर- प्रशांत श्रीवास्तव

बहराइच। जिले में राजेंद्र सिंह पुरवा प्राथमिक स्कूल में तैनात रसोइयां स्कूल में खाना तो बनाता है, साथ में पढ़ाता भी है। हालांकि इस स्कूल में तीन शिक्षकों की तैनाती भी है। चौकाने वाली बात तो ये है कि यह रसोइया हाईस्कूल पास है।

मामला जि़ला मुख्यालय से 130 किमी पश्चिम की ओर मिहीपुरवा ब्लॉक के कारीकोट ग्रामसभा के राजेन्द्र सिंह पुरवा प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल से जुड़ा है। यहां कहने को तो तीन अध्यापक तैनात हैं पर पिछले दो वर्षों से इन दोनों विद्यालयों को चलाने की जिम्मेदारी इन अध्यापकों ने हाईस्कूल पास रसोइए रामकिशोर के कंधों पर डाल दी है। राम किशोर बताते है, ''इस स्कूल को मैं ही चलाता हूं, जिसके एवज में मुझे 1000 रुपये महीने मिलते हैं। पिछले ग्यारह महीने से मेरा पारिश्रमिक नहीं मिला है जिसकी वजह से मुझे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।" अध्यापकों का मोबाइल नं. मांगने पर उसने बताया कि वो मेरे पास नहीं है। 

देशभर में शैक्षिक गणना करने वाली संस्था राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (डीआईएसई) की रिपोर्ट 2013-14 के अनुसार उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1,53,220 है और माध्यमिक स्कूलों की संख्या 31,624 है। प्राथमिक विद्यालय राजेंद्र सिंह पुरवा के सहायक अध्यापक मेठी लाल बताते है, ''मेरी तबियत खराब थी तो मेरा लड़का पढ़ाने आता था और 1000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से जो राम किशोर का पैसा बाकी है उसे भी दिया जायेगा।" यहां पर कक्षा सात में पढऩे वाली लक्ष्मी ने बताया कि अगर रामकिशोर सर न आएं तो स्कूल बंद रहता है। पेशकार वर्मा और सुभाष वर्मा सर महीने में एक-दो बार ही आते हैं। हाल ही में इस स्कूल में दो नए शिक्षक आए हैं। नवनियुक्त अमित कुमार मिश्रा और धर्मेन्द्र कुमार बताते है, ''पहले की व्यवस्था जैसे भी रही हो अब हम मेहनत से पढ़ाई करा रहे हैं।" जब उनसे अध्यापक उपस्थिति पंजिका दिखाने की बात कही गई तो उन्होंने पंजिका दिखाने से इंकार कर दिया।

 

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