सरकारी स्कूलों में शो-पीस बने पंखे

Arvind ShukklaArvind Shukkla   19 April 2016 5:30 AM GMT

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सरकारी स्कूलों में शो-पीस बने पंखेगाँव कनेक्शन

लखनऊ। शरीर झुलसाती गर्मी में सरकारी स्कूलों के छात्र बिना बिजली के पढ़ाई करने को मजबूर हैं। प्रदेश के अधिकांश स्कूलों में बिजली के तार तो पहुंचे हैं लेकिन बिजली नहीं आती। कई जगहों पर विद्यालयों के वक्त पर बिजली नहीं आती तो अधिकांश जिलों में बिल न जमा होने के कारण स्कूलों में बिजली कनेक्शन काट दिया गया है। 

गर्मी को देखते हुए प्रदेश भर में विद्यालयों के समय में बदलाव कर दिया गया है लेकिन 40 डिग्री के ऊपर चल रहे पारे के चलते 10 बजे के बाद ही स्कूलों में छात्र-छात्राओं का बैठना मुश्किल हो जाता है। छात्र-छात्राएं तपती छत या फिर पेड़ों के नीचे गर्म हवा के थपेड़ों के बीच पढ़ाई कर रहे हैं।

सोमवार को लखनऊ में तापमान 43 डिग्री था लेकिन काकोरी स्थित प्राथमिक विद्यालय काकोरी-2 में बच्चे बहते पसीने के बीच पढ़ाई कर रहे थे। स्कूल की प्रधानाचार्या शैलवी बताती हैं, ‘’मेरे स्कूल में कनेक्शन कटा हुआ है और पिछले लगभग 8 महीने से यहां इसी तरह से पढ़ाई हो रही है।’’ लखनऊ में तो बीएसए कार्यालय की बिजली पिछले महीने से कटी हुई है। दफ्तर पर करीब 8 लाख का बिल बाकी है।

मेरठ के 1516 विद्यालयों में से करीब 1500 में बिजली नहीं है। मेरठ में अब्दुलापुर गांव के प्राथमिक विद्याल में पढ़ने वाले छात्र अयूब के पिता रहमान अली बताते हैं, “इस गर्मी में अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी दिल घबराता है वहां न तो बिजली है ना पीने का पानी। ऐसे में उनकी पढ़ाई को देखे या उन की सेहत।” मेरठ के बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार यादव कहते हैं, ‘’हम क्या कर सकते हैं अपने पास से तो जमा करेंगे नहीं काफी बार शासन को इस बात से अवगत कराया जा चूका है जब बजट आएगा तो जमा करेंगे।” पश्चिमी यूपी के समाजिक कार्यकर्ता संदीप पहल कहते है, “जिले के पुलिस थानों और चौकियों के बिजली के बिल इन स्कूलों से अधिक के बकाया है वहां की बिजली काटने से तो पावर कॉर्पोरेशन डरता है लेकिन स्कूलों की बिजली काट दी। इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार को पत्र भेजेंगे।’’

बागपत जिले के अधिकांश स्कूलों में कनेक्शन तो मिले हैं, लेकिन रोस्टर के चलते स्कूल के समय पर ज्यादातर बिजली गुल रहती है। बागपत में अहैडा गांव के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक राजेंद्र कुमार बताते है, ‘’देहात क्षेत्र होने के कारण बिजली आती ही कम है। कई बार बिजली के तार चोरी हो चुके हैं। स्कूल में चार कमरों में पंखे भी लगाये गये है, लेकिन स्कूल के समय बिजली नहीं मिलती जिससे पंखों का कोई लाभ बच्चों को नहीं मिलता है।’’ बाराबंकी में कई ब्लॉक में गांव कनेक्शन को पंखे चलते हुए नहीं मिले। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह बताते हैं, ‘जिले में 3010 विद्यालय हैं अधिकांश में कनेक्शन हैं विभाग ने समय-समय पर बिल भी जमा कराया है, हां बिजली जरूर रोस्टिंक के मुताबिक आती है। अगर कहीं समस्या हैं तो हम उसे दिखवाएंगे।’’

स्कूलों में पंखे तो हैं लेकिन बिजली नहीं

लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में नया सत्र शुरू हो गया है, लेकिन तपती गर्मी में छात्रों के लिए पढ़ाई करना मुश्किल हो गया है। अधिकांश इलाकों में पारा 40 डिग्री के पार चल रहा है, लेकिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है और जहां कनेक्शन है भी, वहां बिल न जमा होने पर विभाग ने कनेक्शन काट दिया है। छात्र-छात्राएं तपती छत या फिर पेड़ों के नीचे गर्म हवा के थपेड़ों के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

ग्रामीण और शहरी दोनों स्कूलों में बिजली गुल

जिले में ग्रामीण के साथ शहरी इलाकों में स्कूलों की बत्ती गुल है। तापमान 43 डिग्री के पार है और ऊपर से सूरज आग उगल रहा है। काकोरी स्थित प्राथमिक विद्यालय काकोरी-2 में 134 बच्चे बिना पंखे के पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल की प्रधानाचार्या शैलवी बताती हैं, ‘’मेरे स्कूल में कनेक्शन कटा हुआ है और पिछले लगभग 8 महीने से यहां इसी तरह से पढ़ाई हो रही है।’’

वहीं चौक स्थित लाजपत नगर पूर्व प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक के 104 बच्चे बिना पंखे के पढ़ाई कर रहे हैं। इसी इमारत में प्राथमिक विद्यालय भी लगता है, जहां बिजली कनेक्शन है और वहीं से तार खींचकर पंखे चलाये जाते हैं। 

स्कूल की शिक्षिका वंदना तिवारी बताती हैं,‘’इसके लिए बहुत नखरे दिखाये जाते हैं और जब प्राथमिक विद्यालय की छुट्टी हो जाती है तो उच्च प्राथमिक की बत्ती कट जाती है।’’ माल और मलिहाबाद क्षेत्र में भी यही हाल है।

मेरठ में शिक्षा विभाग पर बिजली का डेढ़ करोड़ बकाया

मेरठ। वर्ष 2008 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बिजली पहुंचाने की कोशिश शुरू हुई थी। जिले के 1516 विद्यालयों में पंखे और बल्ब भी लगाए गए थे। शुरुआत में दो बार विभाग ने बिल जमा किया लेकिन उसके बाद से बिल नहीं दिया गया। विभाग के एक कर्मचारी ने बताया, ‘’दो साल पहले 14 लाख के      आसपास बिल आया था वो तो जमा कर दिया गया, लेकिन अब पूरे जिले में करीब डेढ़ करोड़ रुपए का बिल बाकी है, इसकी के चलते दो-तार को छोड़कर सब स्कूलों का कनेक्शन कट गया है।’’

अब्दुल्लापुर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अय्यूब और सानिया के पिता बताते हैं, “इस गर्मी में अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी दिल घबराता है वहां न तो बिजली है ना पीने का पानी। ऐसे में उनकी पढ़ाई को देखे या उन की सेहत।” मेरठ के बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार यादव कहते हैं, “हम क्या कर सकते हैं अपने पास से जमा करेंगे नहीं।”

गर्मी से हाल-बेहाल स्कूलों में नहीं इंतजाम 

बागपत। स्कूलों में गर्मी से बचने का इंतजाम न होने के कारण कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति कम हो गई है। जिला मुख्यालय से 6 किमी दूर पूर्व दिशा की ओर बसे अहैडा गाँव के प्राथमिक व हाईस्कूल विद्यालय में कनेक्शन तो है, लेकिन बिजली ही बहुत कम आती है। प्राथमिक स्कूल के अध्यापक राजेंद्र कुमार बताते हैं, ‘’देहात क्षेत्र होने के कारण बिजली आती ही कम है। कई बार बिजली के तार चोरी हो चुके हैं। स्कूल में चार कमरों में पंखे भी लगाये गये है, लेकिन स्कूल के समय बिजली नहीं मिलती जिससे पंखों का कोई लाभ बच्चों को नहीं मिलता है।’’

प्राथमिक स्कूल की छात्रा शिवांगी बताती हैं, “कमरे में पंखा तो हैं, लेकिन बिजली नहीं है, बिजली कभी आवे है कभी भाग जावे है। पंखे तो चलते न हैं।’’ छात्र आबिद बताते हैं, ‘’जब बहुत ज्यादा गर्मी लगती है तो मास्टर जी पेड़ के नीचे बैठा देते हैं लेकिन वहां गर्म हवा बहुत लगती है।’’ 

रोस्टर के मुताबिक आती है बिजली: बीएसए

बाराबंकी। जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर उत्तर दिशा में सूरतगंज ब्लॉक के छेदा प्राथमिक विद्यालय की छात्रा खुशनुमा बताती हैं, ‘’हमारे यहां तार खिंचे हैं, पंखे भी लगे हैं लेकिन वो चलते कभी नहीं।’’ इस स्कूल में 164 छात्र पंजीकृत हैं लेकिन सोमवार को मुश्किल से 20 बच्चे मिले। यहां के उच्च प्राथमिक विद्यालय की हालत और बद्तर है। 

विद्यालय की अध्यापिका ज्योति सिंह बताती हैं, ‘’कनेक्शन तो है स्कूल में लेकिन बिजली नहीं आती। बच्चों के साथ सब परेशान होते हैं। क्या करें।’’ कुछ ऐसे ही हालात टंडवा, लकौड़ा और उमरी के विद्यालयों में भी दिखे।

बाराबंकी के बीएसए पीएन सिंह बताते हैं, ‘’जिले में 3010 विद्यालय हैं अधिकांश में कनेक्शन हैं विभाग ने समय-समय पर बिल भी जमा कराया है, हां बिजली जरूर रोस्टर के मुताबिक आती है। अगर कहीं समस्या है तो हम उसे दिखवाएंगे।’’

रिपोर्टर टीम - मीनल टिंगल, सुनील तनेजा, सचिन त्यागी, वीरेंद्र सिंह

 

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