सरकारी विद्यालय में सुखाए जा रहे कंडे

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सरकारी विद्यालय में सुखाए जा रहे कंडेगाँव कनेक्शन

बाराबंकी। गाँवों में रहने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन अक्सर देखने को जमीनीं हकीकत कुछ अलग मिलती है। ऐसी ही एक तस्वीर बंकी ब्लॉक के हसरा गाँव के प्राथमिक विद्यालय की है,जहां बच्चों को स्कूली सुविधा के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है।

बाराबंकी जिले के ब्लॉक बंकी के प्राथमिक विद्यालय हसरा में खराब व्यवस्था के कारण विद्यालय में बच्चों की संख्या घटकर 150 से 111 ही रह गई है। विद्यालय में शौचालय को बना है पर वह चालू हालत में नहीं है। इसके साथ-साथ खेल का मैदान भी जर्जर अवस्था में है।

प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य पूर्णिमा सोनी बताती हैं, ''विद्यालय में वैसे तो शौचालय बने हुए हैं, लेकिन सेफ्टी टैंक न होने से वो इस्तेमाल करने योग्य नहीं हैं। स्कूल की मरम्मत कराने के लिए पांच हजार रुपए मिलते हैं,जिसमे से ढाई हज़ार रुपए ही मिले उससे स्कूल की रंगाई-पुताई करवाई गयी है।’’

विद्यालय की चारो ओर की बाउंड्री टूटी हुई है और स्कूल के सामने पड़े खेल के मैदान पर लोगो ने कब्जा कर लिया है और खुलेआम गोबर से कंडे सुखाएं जा रहे हैं। बाकी जो मैदान कब्जे से बचा हुवा है उसमें बड़े बड़े गड्ढें हो गए हैं ,जिसमें आएदिन बच्चें गिर कर चोटिल हो जाते हैं।

इस मामले के सम्बन्ध में संबंधित सहायक बेशिक शिक्षा अधिकारी नवाब वर्मा ने गाँव कनेक्शन को बताया,''शौचालय के बारे में हमें अब पता चला है,लेकिन स्कूल की बाउंड्रीवाल तोड़ अगर स्थानीय ग्रामीण उसमें कंडे तैयार कर रहे हं, तो यह गलत है। इसका निरीक्षण कर कार्रवाई करूंगा।''

स्कूल की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका पूर्णिमा सोनी और दो सहायक अध्यापिका सुलेखा व पूनम यादव पर है। जबकि बच्चों के मिड डे मील बनाने की जिम्मेदारी यहां की तीन रसोइया नीलम व सीमा के अलावा राम बिलास पर है। पर विद्यालय में लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी बदहाली वैसे की वैसे ही है।

स्कूल की बदहाली के  बारे में बताते हुए पंचायत के मौजूदा ग्राम पंचायत मिश्रीपुर की नई ग्राम प्रधान सुनीता यादव के प्रतिनिध पति नीरज यादव बताते हैं,''पूर्व प्रधान के कार्यकाल में विद्यालय का निर्माण दिसंबर 2011-12 में करवाया गया था। इसका सारा ब्यौरा शिक्षा विभाग के पास है।''

रिपोर्टर - सतीश कश्यप

 

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