उन्नाव के जिला अस्पताल में गंदगी का नहीं हो पा रहा इलाज, संक्रमण की समस्या

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
उन्नाव के जिला अस्पताल में गंदगी का नहीं हो पा रहा इलाज, संक्रमण की समस्याजिला अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था एक चुनौती बन गई है।

उन्नाव। स्वास्थ्य सेवाआें को बेहतर करने के नाम पर बीते दो साल में जिला अस्पताल में लगभग आधा दर्जन नए भवन तो बढ़ गए लेकिन यहां सफाई कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ सकी। नतीजतन जिला अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था एक चुनौती बन गई है।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

अस्पताल में तैनात छह नियमित और आठ संविदा कर्मचारियों पर ही सफाई की जिम्मेदारी है। जिसमें से दो लगातार काम से बाहर ही रहते हैं। ऐसे में अस्पताल परिसर में हर आेर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जुगाड़ के भरोसे ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था को संभाला जा रहा है।

जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के छह पद स्वीकृत हैं। जिनमें दो महिला व चार पुरुष कर्मचारी हैैं। सफाई के लिए जिला अस्पताल में यूं तो छह कर्मचारी तैनात हैं लेकिन इनमें दो एेसे हैं जिनकी सेवा अस्पताल को नहीं मिल पा रही है। एेसा इसलिए है क्योंकि एक कर्मचारी पिछले कई माह से मेडिकल पर चल रहा है। जबकि विवाद के चलते एक कर्मी को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं शेष में एक कर्मी को कार्डियोलॉजी, एक ऑपरेशन थियेटर और एक कर्मी को इमरजेंसी कक्ष में सफाई के लिए तैनात किया गया है।

सफाई कर्मियों के यह पद लंबे अर्से पहले स्वीकृत हुए थे। इसके बाद अस्पताल परिसर में कई नए भवन भी बढ़ गए। जिनमें बर्न यूनिट, ट्रामा सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर, आयुष भवन और इमरजेंसी ब्लाक शामिल हैं। शासन की आेर से अस्पताल में इन नए भवनों को स्वीकृति दे दी गई। लेकिन इन भवनों में सफाई कर्मियों की तैनाती नहीं की गई। जिससे पुराने स्टाफ पर ही काम का बोझ़ बढ़ा और सफाई व्यवस्था चौपट हो गई।

सफाई कर्मियों की संख्या कम होने से अस्पताल में गंदगी बढ़ती ही जा रही है। अस्पताल प्रशासन इन्हीं कर्मियों के भरोसे किसी तरह काम चला रहा है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसपी चौधरी का कहना है कि मौजूदा समय में अस्पताल परिसर में सफाई किसी चुनौती से कम नहीं है। लंबे समय से नए पदों पर भर्ती नहीं की गई। जो लोग लंबे समय से तैनात हैं उनमें से एक बीमार है वहीं दूसरा सस्पेंड हैं। ऐसे में सिर्फ चार से ही काम लिया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चयनित एजेंसी से उन्होंने दस सफाई कर्मियों की डिमांड भेजी थी लेकिन उन्हें सिर्फ आठ सफाई कर्मी मिले हैं। जिनमें परिसर की सफाई के लिए दो कर्मियों को बाहर तैनात किया गया है। वहीं अन्य से वार्ड और आेपीडी में सफाई कराई जा रही है। सफाई व्यवस्था बेहतर हो इसके लिए कम से कम 15 कर्मियों की जरूरत है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.