#स्वयंफ़ेस्टिवल: एक छत के नीचे मिला पशु टीकाकरण, डायल 100, 1090 और फसल बीमा योजना का ज्ञान
Neetu Singh 30 Dec 2016 6:21 PM GMT

इन्द्रबहादुर (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 34 वर्ष
औरैया। अछल्दा ब्लॉक सभागार में 25 गाँव की महिलाएं इकट्ठा हुईं थीं। मौका था फसल बीमा योजना पंजीकरण, किसान गोष्ठी, सर्दियों में पशुओं की देखरेख, यूपी पुलिस और पशु टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी देने का।
यह कार्यक्रम गाँव कनेक्शन फाउंडेशन की ओर से आयोजित किए जा रहे देश के सबसे बड़े ग्रामीण उत्सव स्वयं फ़ेस्टिवल के पांचवें दिन यानी मंगलवार को किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस दौरान एक ग्रामीण महिला सरिता ने पूछा, “फसल बीमा योजना के बारे में कुछ बताइए। जानकारी के अभाव में गाँव में बीमा करने वाले हमें ठगी कर जाते हैं। वे हमसे फार्म भरवाते हैं। मगर आज तक नुकसान होने पर कुछ नहीं मिला है।” महिला किसान सरिता के इस सवाल का जवाब उन्हें विस्तार से दिया गया। इसके अलावा महिलाओं को ठंड के मौसम में पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए उठाए जाने वाले कुछ आवश्यक क़दम भी बताए गए। इस बीच उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा कम खर्च में अधिक मुनाफ़े वाली खेती करने के भी बताए गए ताकि रुपए की कमी के चलते किसानी न कर पाने वाले भी कृषि कर अपने परिवार का बेहतरी से भरण-पोषण करें। साथ ही, कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची महिलाओं ने अपने फसलों का बीमा पाने के लिए पंजीकरण भी कराया।
वहीं, किसान गोष्ठी में भाग लेकर महिलाओं ने अपने आधुनिक तरीके से कम लागत में अधिक फसल उपजाने की बारीकियों के बारे में भी सीखा। इस बीच उन्हें बताया गया कि जरूरी नहीं है कि महंगी दवाओं का सहारा लेकर फसल को उपजाया जाए बल्कि घर में निर्मित किए जाने वाले खाद को भी इस्तेमाल करके फसल की उपज को बढ़ाया जा सकता है।
वहीं, पशु चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने इन महिलाओं को बताया, “अपने पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए वे उन्हें समय-समय पर आवश्यक टीके लगवाया करें। साथ ही, ठंड के मौसम में बोरे आदि से उन्हें ढांक दिया करें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखते हुए उन्हें स्वच्छ रखें। ठंड बढ़ने के साथ ही उन्हें अलाव से गर्म रखें।”
इस बीच महिलाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस की आधुनिक हो चली डायल 100 सेवा और वीमेन पावर लाइन के लिए जारी किए गए 1090 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि अब डायल 100 पर फोन करने के साथ ही उन्हें निश्चित समय के अंदर पुलिसिया मदद मुहैया कराना तय कर दिया गया है। वहीं, फोन पर छेड़छाड़ की वारदातों को अंजाम देने वालों को सबक सिखाने के लिए 1090 पर फोन करें।
This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).
More Stories