सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद गाड़ियों में झण्डा परिवर्तन

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सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद गाड़ियों में झण्डा परिवर्तनसरकार बदलने का असर अब गाड़ियों पर भी दिखने लगा है।

प्रदीप मिश्रा, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। पुलिस की चेकिंग से बचने के लिए जिन गाडिय़ों में अभी तक सपा का झण्डा लगा था अब सरकार बदलते ही झण्डा बदल लिया। जिसके चलते शहर में दौड़ रही गाडिय़ों में अचानक भगवा झण्डा लहराने लगा। हालांकि भाजपा के कद्दावर अचानक बढ़े झण्डों को देख जांच की बात कह रहें है। प्रदेश में अखिलेश राज का खात्मा हो चुका है और योगी सरकार आ गई।

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सरकार बदलने का असर सरकारी कर्मचारियों में तो दिख ही रहा है साथ ही सडक़ों पर दौडऩे वाली गाडिय़ां भी इससे अछूती नहीं है। हालात यह है कि जिन गाडिय़ों में अभी तक सपा का झण्डा दिख रहा था उन्होंने भगवा झण्डा लगा लिया। जिसके चलते शहर की हर 1 गाडिय़ों में एक या दो को छोड़ सभी में कमल लहलहा रहा है। अचानक बढ़े भगवा झण्डे को लेकर वर्दीधारी कहतें हैं की यह सरकार का मामला है।

इस पर जब तक सरकार कोई गाइडलाइन नहीं देती तब तक हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। पता नहीं किसके घर में कौन भारतीय जनता पार्टी से जुडा हो। तो वहीं संगठन से जुड़े एक बड़े भाजपा नेता का कहना है कि बढ़ते झण्डों को लेकर पार्टी गंभीर है। जल्द ही इस पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। जिससे कोई पार्टी के झण्डे का दुरूपयोग न कर सके।

कहीं सपा जैसा ही न हो जाए योगी सरकार में भी झण्डों का हाल

झंडे लगा रुतबा कायम करने की परंपरा इस सरकार में खत्म होगी या जैसे सपा का एक्शन बेकार रहा था उसी तरह योगी सरकार का भी हाल रहेगा इसको लेकर हर तरफ चर्चाआें का बाजार गरम है। 2012 में जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही फरमान सुनाया था कि जिलाध्यक्षों के अलावा कोई झण्डा नहीं लगाएगा। लेकिन यह फरमान कभी कारगर साबित नहीं हुआ। शुरूआत में थोड़ी कमी दिखी पर तीन—चार माह से सब पुराने ढर्रे पर आ गया।

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