#स्वयंफ़ेस्टिवल : ‘मुनाफ़ा चाहिए तो देसी नस्ल की गाय पालिये’ 

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#स्वयंफ़ेस्टिवल : ‘मुनाफ़ा चाहिए तो देसी नस्ल की गाय पालिये’ सीतापुर के कुंवरापुर (मिश्रिख) गाँव में पशुपालकों को दिया प्रशिक्षण

विकास सिंह तोमर (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 34 वर्ष

सीतापुर । पशुपालन से जुड़े कई अहम विषयों पर जानकारी देने के सीतापुर के कुंवरापुर (मिश्रिख) गाँव में गाँव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा एक प्रशिक्षण कैंप लगाया गया. स्वयं प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए इस कैंप में पशुपालकों को नश्ल दुधार, पशु लागत घटाने, पशुओं के टीकाकरण आदि विषयों पर कई अहम जानकारियां डी गई.

कार्यक्रम में पशु वैज्ञानिक डा. आनंद सिंह ने आस-पास के गाँवों से आये ग्रामीण पशुपालकी को रोग व कीट प्रबंधन की देसी तकनीकों के बारे में बताया. “पशुओं की नस्लों में सुधार होने से भी उसको पालने में आने वाली लागत कम होती है. हमें कोशिश करनी चाहिए कि देसी नस्ल वाली गाय मसलन साहीवाल, गिर आदि से गर्भित गाय को ही हम पालें.”

डा. सिंह ने किसानों को बताया आवारा पशु खेतो को बहुत नुक्सान पहुचाते हैं. कई किसानों ने एक मुहीम के तौर पर ऐसे पशुओं को एक स्थान पर रखने का बीड़ा उठाया. ऐसे पशुओं के मूत्र और गोबर से जैविक ऊर्वरक और कीटनाशक बनाकर खेतों में उपयोग किया जा सकता है. इससे लागत में कमी तो आएगी ही साथ में ये समाजसेवा का भी काम होगा.

कार्यक्रम में आये किसानों ने स्वयं प्रोजेक्ट के तहत चलाई जा रही इस मुहीम का स्वागत किया. और उम्मीद जताई कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम बार-बार होते रहेंगे.

    

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