पशुपालक को नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल घर बैठे ही जान सकेंगे गाय-भैंस गर्भवती है या नहीं 

Diti BajpaiDiti Bajpai   14 March 2017 1:05 PM GMT

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पशुपालक को नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल घर बैठे ही जान सकेंगे गाय-भैंस गर्भवती है या नहीं पशुपालकों को गाय-भैंस के गर्भवती होने का पता अब एक माह के भीतर चल जाएगा।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पशुपालकों को गाय-भैंस के गर्भवती होने का पता अब एक माह के भीतर चल जाएगा। इसके लिए केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र और राष्ट्रीय विकास बोर्ड मिलकर घरेलू प्रेग्नेंसी जांच किट तैयार कर रहा है।

हिसार स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह बताते हैं, “गाय-भैंस की गर्भ की जांच करने के लिए पशुपालकों को 60 से 70 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है और अगर इस दौरान भैंस गर्भवती न हुई तो पशुपालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्हें फिर से 21 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। इस किट से पशुपालकों को काफी फायदा होगा।” गाय-भैंस के गर्भ की जांच करना बहुत मुश्किल होता है। इसकी प्रक्रिया भी बहुत लंबी होती है। इसी परेशानी को देखते हुए केंद्र में पिछले दो वर्ष पहले घरेलू प्रेग्नेंसी जांच किट तैयार करने का शोधकार्य किया जा रहा है।

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शोध में गाय-भैंस के गर्भवती होने से पहले और बाद में भैंस के मूत्र का सावधानी पूर्वक अध्ययन किया गया। इसमें गर्भ के दौरान मूत्र में विशेष किस्म का प्रोटीन मिलना एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है।

किट के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सिंह आगे बताते हैं, “पशुपालक घर बैठे ही किट के जरिए गाय-भैंस के यूरिन और दूध की जांच करके एक महीने के अंदर यह पता चल जाएगा कि गाय-भैंस प्रेग्नेंट है या नहीं। इसके लिए उनको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। इस किट को बनवाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल भी मदद कर रहा है।”

पशुपालक घर बैठे ही किट के जरिए गाय-भैंस के यूरिन और दूध की जांच करके एक महीने के अंदर यह पता चल जाएगा कि गाय-भैंस प्रेग्नेंट है या नहीं। इसके लिए उनको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। इस किट को बनवाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल भी मदद कर रहा है।
डॉ. इंद्रजीत सिंह, निदेशक, केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र, हिसार

डॉ. सिंह ने आगे बताया,“इस किट को तैयार करने के लिए सरकार द्वारा राशि भी उपलब्ध हुई थी। अभी इस किट के लिए हमने दोबारा से अनुदान राशि के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा हम ऐसे पार्टनर की तलाश कर रहे हैं, जो इस किट को बनाकर बाजार में बेच सकें।”

लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश पशुधन परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बीबीएस यादव ने बताया, “अभी पशुपालकों को गाय-भैंस के गर्भ की जांच के लिए बार-बार अस्पताल जाना पड़ता है और पशुपालकों को काफी नुकसान भी होता है। ऐसे में यह किट पशुपालकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। वो दोबारा अपनी गाय-भैंस को गर्भधारण करा सकते हैं।”

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