मिनी स्टेडियम के मैदान में उगी घास अब कहां खेले बच्चे
गाँव कनेक्शन 18 Jan 2017 3:33 PM GMT
अरुण मिश्रा
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
विशुनपुर (बाराबंकी)। लाखों की कीमत से जिले में बना मिनी स्टेडियम युवाओं के लिए मात्र दिखावा बन खड़ा है। इसके चलते खिलाड़ियों समेत सेना, पुलिस और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं में आक्रोश है। विभाग प्रशिक्षक की कमी का रोना रो रहा है तो युवाओं का कहना है कि जब हमें इसका लाभ ही नहीं मिलता तो मिनी स्टेडियम का आखिर औचित्य ही क्या है।
स्टेडियम में प्रशिक्षक की तैनाती न होने से खेल गतिविधियां ठप हैं। कोशिश है कि जल्द ही किसी योग्य व्यक्ति को वहां तैनात कर दिया जाए। बिना प्रशिक्षक के युवाओं को नुकसान भी हो सकता है। इसीलिए खेल उपकरण कमरे में बन्द हैं।शिल्पी पाण्डे, जिला युवा कल्याण अधिकारी
बाराबंकी मुख्यालय से 23 किमी. दूर विकास खंड देवा के बैसुवा में युवा खेल कूद विभाग द्वारा कई वर्ष पूर्व मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया गया था। स्टेडियम बनने के बाद काफी युवा यहां सेना और पुलिस की भर्ती के लिए तैयारी करने आते थे। शासन द्वारा क्रीड़ा श्री का पद ख़त्म करने के बाद से स्टेडियम की खेल गतिविधियों में ग्रहण लग गया। प्रशिक्षक के अभाव में जिम और अन्य खेलों के उपकरण स्टेडियम में धूल फांक रहे हैं। वहीं, पूरा स्टेडियम घास फूस के जंगल में तब्दील होता जा रहा है, जिससे खिलाड़ियों में काफी आक्रोश है।
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