राशन की धांधली को रोकेगी बायोमेट्रिक मशीन
Swati Shukla 13 Feb 2017 12:04 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। सरकारी राशन की दुकानों पर धांधली रोकने के लिए राशन कार्ड धारकों को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। साथ ही सभी दुकानों पर बायोमेट्रिक मशीन लगायी जा रही है।
धांधली रोकने के लिए प्वांइट ऑफ सेल रिवाइज स्कीम के तहत कोटे की दुकानों पर बायोमेट्रिक मशीन लगेंगी। इस मशीन की कीमत 6500 रुपए है। बायोमेट्रिक मशीन कोटेदार को खुद खरीदनी होगी। इसकी कीमत 6500 रुपए के करीब आ रही है। बख्शी तालाब के भगौतीपुर गाँव के कोटेदार हंसराज सिंह बताते हैं, “हमारा राशन भैसामऊ से आता है। आधार कार्ड जिसके पास नहीं उसको भी राशन देते हैं, लेकिन मार्च के बाद आधार कार्ड देख कर ही राशन दिया जाएगा। लेकिन यहां पर बहुत से लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं। कोटेदार को अनाज राशन कार्ड धारकों के हिसाब से मिलता है। ज्यादा या कम नहीं मिलता। हमारे यहां पर कोई मशीन नहीं लगेगी।”
ब्लॉक के कोटेदारों को निर्देश दिए हैं कि शुरुआत में जो दिक्कतें आएं उन्हें बताएं ताकि उनका निस्तारण कराया जा सके। मशीन लगाने से राशन की कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है। अभी तक सभी कोटेदारों की दुकान पर राशन मशीन नहीं लगी है।विक्रम शाही, जिला पूर्ति अधिकारी
जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर कमलाबाद गाँव की रहने वाली शिवा कुमारी बताती है, “हमारे गाँव में तीन महीने से राशन नहीं मिला है। इसके बारे में प्रधान से भी कई बार पूछा पर उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है। कोटेदार से राशन की बात करते हैं तो बोलते हैं सरकार ने राशन अभी तक नहीं भेजा है।”
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्रता सूची के अनुसार राजधानी में शहरी कोटेदारों की संख्या 682 है और ग्रामीण कोटेदार 525 है। राजधानी में अंत्योदय कार्ड धारकों की संख्या 50112 है, इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 2,06,056 है। गृहस्थी पात्र धारकों की संख्या 665324 है, इसके लाभाथियों की संख्या 29,63,965 है। जांच के नाम पर कोटेदारों को नोटिस के बाद अब उनके वितरण रजिस्टर की जांच की तैयारी की जा रही है।
जिला पूर्ति अधिकारी विक्रम शाही बताती हैं, “ब्लॉक के कोटेदारों को निर्देश दिए हैं कि शुरुआत में जो दिक्कतें आएं उन्हें बताएं ताकि उनका निस्तारण कराया जा सके। मशीन लगाने से राशन की कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है। अभी तक सभी कोटेदारों की दुकान पर राशन मशीन नहीं लगी है।” कमलाबाद गाँव की रहने वाली महिला किरन वर्मा (23 वर्ष) बताती हैं, “कोटेदार अपना काम ईमानदारी से नहीं करता है। गाँव में बहुत दिन से राशन नहीं आया है। ये राशन कब तक आएगा इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं है। दुकान के चक्कर कांट कर हम लोग आ जाते है।”
This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).
More Stories