स्कूल आवंटित करने के नाम पर बीटीसी प्रशिक्षुओं से मांगी जा रही घूस

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स्कूल आवंटित करने के नाम पर बीटीसी प्रशिक्षुओं से मांगी जा रही घूसश्री बैजनाथ शिवकला कालेज में पैसा जमा करते छात्र।

कविता द्विवेदी

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

हैदरगढ़। स्कूल आवंटित करने के नाम पर बीटीसी प्रशिक्षुओं से घूस मांगी जा रही है, जबकि व्यवस्था यह है कि प्रशिक्षु को आसपास कालेज आवंटित किया जाए। आरोप है कि हैदरगढ़ क्षेत्र के कॉलेज श्री बैजनाथ शिवकला में प्रत्येक प्रशिक्षु से 500 रुपए लिए जा रहे हैं और कई स्कूलों में 500 की जगह 700 रुपए लिए जा रहे हैं, जिसमें 200 रुपए स्कूल की जेब में जाते हैं।

नाम न छापने की शर्त पर एक प्रशिक्षु बताते हैं, “प्रशिक्षुओं को मर्जी का स्कूल देने के लिए उनसे 700 या 500 रुपये लिए जाते हैं और जो ये रुपए देने से मना करते है उन्हें दूर का स्कूल दे देते हैं। जैसे कोई हैदरगढ़ का रहने वाला हो तो उसे फतेहपुर दे देते हैं।” वो आगे बताते है, “ये रुपए कालेज से डायट के बाबू के पास जाता है और उसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी हिस्सा मिलता है।”

प्रशिक्षुओं को मर्जी का स्कूल देने के लिए उनसे 700 या 500 रुपये लिए जाते हैं और जो ये रुपए देने से मना करते है उन्हें दूर का स्कूल दे देते हैं।
बीटीसी प्रशिक्षु

बीटीसी दो साल की पढ़ाई होती है, जिसमें चार सेमेस्टर होते हैं और हर सेमेस्टर में एक महीने का प्रशिक्षण होता है। जिसमें ये बीटीसी प्रशिक्षु किसी भी प्राइमरी स्कूल में एक महीने जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं। प्रशिक्षुओं को उनकी सुविधानुसार घर के पास का स्कूल आवंटित किया जाता है।

हैदरगढ़ के श्री बैजनाथ शिवकला कालेज की महिला प्रशिक्षु बताती हैं, “प्राचार्य ने बीटीसी प्रशिक्षुओं से कहा कि आप सभी लोग 700 रुपए दे दीजिए जो बाराबंकी डायट गनेशपुर जाएगा। वहां से आपको अपने आसपास का स्कूल आवंटित हो जाएगा और जो लोग नहीं देंगे उनको दूर का स्कूल मिल सकता है।” वो आगे बताती हैं, “ये स्थिति इसी स्कूल की नहीं बल्कि पूरे बाराबंकी के बीटीसी कालेज की है और प्रशिक्षु डर के कारण रुपए जमा कर देते हैं। क्योंकि जो बच्चे बाहर से यहां कमरा लेकर रहते हैं वो इधर-उधर कहां जाएंगे क्योंकि उनके लिए ये शहर अंजान है।"

प्राचार्य ने बीटीसी प्रशिक्षुओं से कहा कि आप सभी लोग 700 रुपए दे दीजिए जो बाराबंकी डायट गनेशपुर जाएगा। वहां से आपको अपने आसपास का स्कूल आवंटित हो जाएगा और जो लोग नहीं देंगे उनको दूर का स्कूल मिल सकता है।
बीटीसी प्रशिक्षु

उसी कालेज के एक प्रशिक्षु बताते हैं, “बीटीसी एडमिशन में जिन बच्चों को सरकारी कालेज मिलता है उनको 12,000 रुपए साल के और जिन बच्चों को प्राइवेट कालेज मिलता है उनको 41000 रुपए सालाना फीस देनी पड़ती है।

ये सरकार द्वारा निर्धारित होती है। मगर प्राइवेट कालेज के जो बच्चे हैं उनसे कालेज के प्राचार्य कहीं 15,000 या कहीं 20,000 रुपए अतिरिक्त ये कहकर लेते हैं कि ये मैनेजमेंट फीस है कालेज की।” इस मामले में जब बीएसए बाराबंकी टीएन सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वो अभी छुट्टी पर हैं दो दिन बाद बात होगी।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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