मिर्च की खेती में बढ़ रहा है थ्रिप्स रोग का प्रकोप

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मिर्च की खेती में बढ़ रहा है थ्रिप्स रोग का प्रकोपइस रोग को विभिन्न स्थानों में कुकड़ा या चुरड़ा-मुरड़ा रोग के नाम से जाना जाता है।

अमरकांत, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बरेली। मिर्च की खेती नकदी फसल के रूप में किसानों के लिए फायदे की खेती होती है। लेकिन इस समय मिर्च में थ्रिप्स रोग लगने से किसानों की परेशानी बढ़ गयी है।

बरेली जिला मुख्यालय के नवाबगंज ब्लॉक के भटपुरा और लभेड़ा गाँव में बड़ी मात्रा में किसान मिर्च की खेती करते हैं। भटपूरा निवासी प्रेम पाल (35 वर्ष) मिर्च के बड़े किसान हैं, वो बताते हैं, “हमारे खेतों में और आसपास के खेतों में पोधों में मौने की बीमारी लग गयी है, जिससे पौधे झाड़ीनुमा हो कर सूख रहे हैं।”

मिर्च में सबसे अधिक नुक्सान पत्तियों के मुड़ने से होती है, जिसे विभिन्न स्थानों में कुकड़ा या चुरड़ा-मुरड़ा रोग के नाम से जाना जाता है। थ्रिप्स के प्रकोप के कारण मिर्च की पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव का आकार धारण कर लेती है। मिर्च की फसल में थ्रिप्स व माइट का आक्रमण एक साथ हो जाये तो पत्तियां विचित्र रूप से मुड़ जाती हैं।

लीफ कर्ल विषाणु जनित रोग है यह मिर्च में लीफ कर्ल विषाणु जनित रोग मुख्यतया सीएमवी, टीएमवी और जेमिनी विषाणुओं द्वारा होता है। पत्तियां नीचे की तरफ पतली होकर मुड़ जाती है। किसानों को खेत में रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर पर्णकुंचित पौधे को उखाड़कर गड्डे में डालकर मिट्टी से ढंक दें।
डॉ. राधाकान्त, किसान हेल्प के कृषि विशेषज्ञ

खेत में सफेद मक्खी को आकर्षित करने के प्रति हेक्टेयर 5-6 पीले प्रपंच चिपचिपे टैग लगाएं। मिर्च की फसल के आस-पास या जाल के रूप में गेंदा को रोपे। मिर्च की 15 लाइन के बाद एक लाइन गेंदा की लगाएं। परभक्षी पक्षियो को आकर्षित करने के लिए टी आकार के बास के डंडे 15 नग प्रति एकड़ लगा दें।”

घरेलू उपचार से करें थ्रिप्स रोग से बचाव

टार्च में प्रयोग होने वाले सेल को तोड़ कर उसका कार्बन निकाल लें और 15 लीटर पानी में 7 से 10 ग्राम कार्बन का चूरा मिलकर उस घोल का छिड़काव करें।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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