कराटे गर्ल डिंपी तिवारी बोली- ‘रास्ते से गुज़रती हूं तो लड़के खुद रास्ता खाली कर देते हैं’

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कराटे गर्ल डिंपी तिवारी बोली- ‘रास्ते से गुज़रती हूं तो लड़के खुद रास्ता खाली कर देते हैं’रायबरेली जिले के लालगंज ब्लॉक के स्कूल में आत्मरक्षा के गुर सिखाती डिंपी। 

देवांशु मणि तिवारी (कम्युनिटी जर्नलिस्ट) 26 वर्ष

रायबरेली। लड़कियों को आत्म निर्भर बनाने का प्रयास कर रही डिंपी तिवारी जिले के 50 से ज़्यादा ग्रामीण स्कूलों की छात्राओं को कराटे सिखा रही हैं। वर्ष 2015-2016 में रानी लक्ष्मी बाई वीरता सम्मान पा चुकी डिंपी आज अपनी छोटी सी टीम के बदौलत जिले में 1,000 से ज़्यादा लड़कियों को कराटे की ट्रेनिंग दे रही हैं।

स्कूलों में लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रही डिम्पी तिवारी बताती हैं,'' लड़कियों की सुरक्षा के लिए ट्रेनिग बहुत जरूरी है। अगर लड़किया इस ट्रेनिग में माहिर हो तो घर वालों को परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आज भी जब लड़की घर से निकलती है तो घर वालें उसकी सुरक्षा को लेकर परेशान हो जाते हैं। परेशान होने के बजाय वह लड़कियों को मार्शल आर्ट सिखाए,तो वह इस खुटके से हमेशा के लिए निजात पा सकती हैं।''

डिंपी ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग सबसे पहले अपने गाँव के पास की ही संस्था जिला मार्शलआर्ट एसोसिएशन से ली। जहां उनके ट्रेनर अतिकुर्र रहमान रिज़वी ने उन्हें इस कला में पूरी तरह से निपुण बना दिया।

अपनी संस्था जिला मार्शलआर्ट एसोसिएशन की बदौलत अतिकुर्र रहमान ने आज तक जिले भर में 5,000 से ज़्यादा युवाओं को इस कला की ट्रेनिंग दे चुके हैं। वो बताते हैं, '' आजकल शहरों में ही नहीं बल्कि गाँवों में भी लड़कियों निडर होने की ज़रूरत है। इसके लिए यह बेहद ज़रूरी है कि लड़कियां जूडो-कराटे व मार्शलआर्ट सीखें। हमारी संस्था की छोटी सी टीम पूरे जिले भर के स्कूलों में घूमती है और लड़कियों को आत्मरक्षा के प्रति जागरुक करती है।''

अतिकुर्र रहमान रिज़वी की इस संस्था की मदद से अब लालगंज व चिकमंडी जैसे स्थानीय क्षेत्रों में 200 से ज़्यादा लड़किया मार्शलआर्ट सीख रही हैं। जिला मार्शलआर्ट एसोसिएशन में मार्शलआर्ट सीख चुकी डिंपी और सलमा को प्रदेश सरकार ने रानी लक्ष्मी बाई वीरता सम्मान से नवाज़ा भी है।

अब जब भी हम लड़कियां एक साथ शहर की बज़ार की तरफ निकलते हैं, तो लड़कों के झुंड हमारी तरफ देखकर हंसते और कमेंट नहीं करते हैं बल्कि खुद हमारे लिए रास्ता छोड़ देते हैं।
डिंपी तिवारी, मार्शल आर्ट ट्रेनर

रिज़वी की संस्था के बदौलत लालगंज क्षेत्र की लड़कियां बगैर झिझक शाम के समय में भी शहर के चौराहों पर चलती हैं। डिंपी बताती हैं,'' अब जब भी हम लड़कियां एक साथ शहर की बज़ार की तरफ निकलते हैं, तो लड़कों के झुंड हमारी तरफ देखकर हंसते और कमेंट नहीं करते हैं बल्कि खुद हमारे लिए रास्ता छोड़ देते हैं।''

स्कूल में एक छात्रा को ट्रेनिंग देती डिंपी। फोटो-देवांशु

बीते कुछ वर्षों में बलात्कार की घटनाओं में इजाफा होने के कारण उत्तरप्रदेश सरकार ने स्कूलों में छात्राओं को मार्शलआर्ट के गुर सिखाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में सरकार के इस नेक प्रयास को जिला मार्शलआर्ट एसोसिएशन जैसी संस्थाएं सफल बना रही हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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