किसानों को रोजगार दिला रही मंडी का हाल बेहाल

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किसानों को रोजगार दिला रही मंडी का हाल बेहालसडकें टूटी, सफाई व प्रकाश व्यवस्था चौपट

हरि शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोण्डा। जिला मुख्यालय उतरौला रोड पर स्थित फल व सब्जी मंडी की सभी सड़कें टूटी हैं, जिससे ठेलिया व रिक्शे वालों को सामान लाने व ले जाने में परेशानी उठानी पड़ती है। हजारों परिवारों की जीविका चलाने वाली मंडी में सफाई व प्रकाश व्यवस्था चौपट है।

आचार संहिता लागू है और सड़क व हैंडपंप के इस्टीमेट बने हैं। यह कार्य चुनाव के बाद कराए जाएंगे। सफाई कार्य कराना मंडी सचिव की जिम्मेदारी है। उन्हें सफाई करानी चाहिए।
रामनरेश सोनकर, उपनिदेशक मंडी समिति

मंडी में रोजाना पांच सौ किसान व चार सौ मजदूर आते हैं और दो सौ ठेलिया व ठेला वाले आते हैं। सौ आढ़ती सब्जी व सौ आढ़ती फल का कारोबार कर रहे हैं। इनके लिए नवीन गल्लामंडी का निर्माण कर व्यवसाय के प्रोत्साहन के लिए सड़क, बिजली, पानी, शौच, कैंटीन, चाहरदीवारी, बड़ी हैलोजन लाइटें लगाई गईं। सफाई का ठेका हर साल होता है, जिससे परिसर स्वच्छ रहे। मंडी समिति के अधिकारी इन सुविधाओं से बेखबर हैं तभी तो चलने के लिए सड़क बनी और टूट गई। यह सड़क मियाद नहीं पूरा कर पाई। मंडी एशोसिएशन के अध्यक्ष नजर मोहम्मद व मंत्री शहजादे ने 14 दिसंबर को लखनऊ में एक कार्यक्रम में जाकर मुख्यमंत्री अखिलेश को चार सूत्री मांगपत्र सौंपा था, जिसे निदेशक मंडी समिति के यहां भेज दिया गया। फिर कोई कारवाई न हुई।

यहां के आढ़ती हाजी शाह मोहम्मद का कहना है कि सड़क की गिट्टियां उखड़ रही हैं, जिससे पैदल चलना मुश्किल है। धर्मानंद मौर्या का कहना है, “चालीस लाख से लगी हैलोजन लाइटें खराब पड़ी हैं।” मेंहदी हसन का कहना है, “व्यापारी टैक्स देते हैं लेकिन मंडी समिति सुविधाएं नहीं दे रही हैं। अब्दुल कलाम व रिबई मौर्य सफाई न होने दुखी हैं।” किसान रामजी का कहना है, “यहां की सबसे बड़ी समस्या सफाई व टूटी सड़क का है, जिससे कई लोगों को सांस की बीमारी हो गयी है। किसान गोले का कहना है कि बरसात में यहां की टूटी नालियां परेशानी की सबब बन जाती हैं।”

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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