फैजाबाद: रैन बसेरों में कहीं ताले तो कहीं असुविधाएं

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फैजाबाद: रैन बसेरों में कहीं ताले तो कहीं असुविधाएंफैजाबाद के रैन बसेरों का हाल, ठिठुरने को मजबूर जरूरतमंद।

रवीश कुमार वर्मा

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

फैजाबाद। जिले मे ठंड बढ़ने के साथ गरीब तबके के लिए रैन बसेरों का इंतजाम अब तक नहीं किया गया है। शहर के रैन बसेरों में व्यवस्थाएं बदहाल हैं। कहीं ताला लटक रहा है तो कहीं ठंड से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

जिला अस्पताल में स्थायी रैन बसेरा स्थापित है, लेकिन उसका आलम यह है कि उसमें ताले लटक रहे हैं। कुछ दूरी पर स्थित महिला अस्पताल का रैन बसेरा की स्थिति यह है कि वहां दरवाजा खुला तो है, नीचे सिर्फ 11 लोगों को रहने की जगह है। वहीं, मरीजों के परिजन अस्पताल में ही फर्श पर लेटने पर मजबूर हैं। वहीं, सुलभ शौचालय में भी रात में ताला लटकता नजर आता है।

हम लोगों को गदंगी से भरे रैन बसेरे में रहना पड़ता है। प्रशासन द्वारा कोई भी मदद नहीं मिलती है। वहीं, एक और रिक्शा चालक सुंदर (40 वर्ष) का कहना है कि यह दिन खुला रहता है, पर यहां पर ना कोई सुविधा नही मिलती, न ही अपना बिस्तर। हम लोगों को इस ठंडे फर्स पर लेटना पड़ता है।
किशोर (45 वर्ष), रिक्शा चालक

वहीं, रोडवेज बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे में अधिकतर रिक्शा चालक, गरीब और मजदूर, मुसाफिर बस छूटने पर रात को ठहर जाते हैं। लेकिन कोई सफाई नहीं होती है और खिड़की दरवाजे क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा शौचालय की स्थिति बहुत ही खराब है, जहां पर खड़ा होना भी दूभर है।This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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