भूजल बचाने के लिए कम सिंचाई वाली फसलों की करें खेती, किसानों के लिए जारी की गई चेतावनी

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
भूजल बचाने के लिए कम सिंचाई वाली फसलों की करें खेती, किसानों के लिए जारी की गई चेतावनीज्यादा सिंचाई वाली फसलों से भूजल लगातार जा रहा है नीचे।

लखनऊ। साठा धान की जगह किसान उड़द, मूंग जैसी कम सिंचाई वाली फसलें लगाकर पानी बचा सकते हैं। शाहजहांपुर में प्रशासन किसानों को कम सिंचाई वाली फसलों के लिए प्रेरित कर रहा है।

खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

पिछले वर्ष शाहजहांपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने साठ दिनों में पैदा होने वाले साठा धान की रोपाई पर रोक लगा दी थी। जिले के किसान समय से पूर्व साठा धान की खेती कर रहे हैं, जिसमें दूसरी फसलों के मुकाबले चार गुना ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है।

शाहजहांपुर में जिला प्रशासन ने इस बार भी साठा धान को रोकने की तैयारी कर ली है। प्रशासनिक अमला कम सिंचाई वाली फसलों की खेती के बारे में भी जागरूक कर रहा है। शाहजहांपुर जिले के जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी बताते हैं, “जिला प्रशासन की तरफ से जिले के किसानों को चेतावनी जारी कर दी गयी है। अभी किसान धान की नर्सरी लगा रहे हैं, उन्हें धान न लगाने को कहा जा रहा है। साठा धान में दूसरी फसलों के मुकाबले चार गुना ज्यादा पानी लगता है।”

जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी ने आगे कहा “साठा किस्म के धान की फसल किसान लगाते आ रहे हैं, पिछली बार छह हजार हेक्टेयर में इसकी खेती की गयी थी। पिछले दो वर्षो में जिले के कई में भू-जल तेजी से गिरा है।” । कृषि विज्ञान केन्द्र कन्नौज के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अमर सिंह बताते हैं, “ज्यादा उत्पादन की चाह में किसान मक्का, धान जैसी फसलों की खेती करते हैं, जिससे लगातार भूजल का स्तर कम हो रहा है। इसकी खेती के बजाय किसान उड़द, मूंग जैसी दलहनी फसलों की खेती कर सकते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरता तो बढ़ेगी ही दूसरी फसलों के मुकाबले कम पानी भी लगता है।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.