ये सावधानियां अपनाकर किसान अपनी फसलों को चूहों से बचाएं

Neetu SinghNeetu Singh   9 Feb 2017 10:18 PM GMT

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ये सावधानियां अपनाकर किसान अपनी फसलों को चूहों से बचाएंखेतों में जिंक फास्फाईड व एल्युमीनियम फास्फाईड का प्रयोग कर पा सकते हैं छुटकारा।

लखनऊ। चूहे हर साल करोड़ों रुपये का अनाज और फसलें बर्बाद कर देते हैं। चूहों के चलते सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को होता है। कृषि जानकारों और वैज्ञानिकों के मुताबिक इऩ उपायों को आजमाकर और कुछ सावधानियां बरत कर किसान अपनी फसलें बचा सकते हैं।

“इस बार मेरे खेत में बहुत चूहे हो गए हैं, जो लगातार फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, ये इस बार की ही बात नहीं है हर साल चूहे के काटने से फसल बहुत बर्बाद हो जाती है।” ये कहना है औरैया जिले की महिला किसान ब्रह्मा देवी (45 वर्ष) का।

औरैया जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी. दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित शिवकरपुर गाँव की रहने वाली किसान ब्रह्मा देवी अकेले की परेशानी नहीं है। ब्रह्मा की तरह जिले की कई महिला किसानों ने बताया फसल में चूहा लगने से हर साल बहुत नुकसान होता है। गौहना गाँव की श्यामा देवी (46 वर्ष) बताती हैं, “इस वर्ष हमारे तीन बीघे गेहूं के खेत में चूहों ने अभी से नुकसान करना शुरू कर दिया है, कोई भी दवा काम नहीं करती हैं, दवा रखने के कुछ दिनों तक चूहे नुकसान नहीं करते फिर से वही नुकसान शुरू हो जाता है।”

गेहूं में जैसे ही बालियां लगनी शुरू हो जाती हैं वैसे ही चूहे खेत में बिल बना लेते हैं, बालियों में दाना पड़ते ही चूहे फसल को नुकसान पहुंचना शुरू कर देते हैं, कोई जिला ऐसा नहीं है जहां चूहों का प्रभाव न हो, कहीं कम है तो कहीं ज्यादा है।
एसपी सिंह, उप कृषि निदेशक, बाराबंकी

गाँव कनेक्शन को फ़ोन पर हुई बातचीत में बताते हैं , “ज्यादातर चूहे गाँव के इर्दगिर्द वाले खेत में लगते हैं, क्योंकि घरों के चूहे खेतों में निकलकर आते हैं, किसान जिंक फास्फाईड का इस्तेमाल कर चूहों को अपनी फसल में नुकसान होने से बचा सकते हैं।” कृषि विभाग के अनुसार चूहे लगने कि समस्या उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में है। उन जिलों पर यह ज्यादा होती है जहां आस-पास गन्ने के खेत होते हैं।

हमारे गाँव में टमाटर की बहुत खेती होती है, पूरी फसल में चूहा मारने की दवा रखते-रखते थक जाते हैं पर चूहा नुकसान करना बंद नहीं करते हैं। एक तो मौसम की मार, मंहगाई दूसरा चूहे जिसका जड़ से खत्म होने का कोई समाधान नहीं है।
संतोष कुमार (45 वर्ष), किसान, सीतापुर

औरैया जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल का कहना है, “जिस क्षेत्र में पानी भरा होता है वहां चूहे नहीं लगते हैं, गन्ना, अरहर लम्बी अवधि की फसलों में चूहे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, जिंक फास्फाईड, एल्युमीनियम फास्फाईड का प्रयोग कर किसान चूहों से छुटकारा पा सकते हैं।”

चूहेदानी में एक चूहा बंद करके ऊपर से कई रंग का पेंट डाल दें, चूहा पूरी तरह से रंग-बिरंगा हो जाए, उस रंगबिरंगे चूहे को खेत में छोड़ने से बाकी के चूहे अपने आप भाग जाएंगे, अगर चूहे हमेशा के लिए समाप्त करने हैं तो अपने खेतों में पीपल, आम, बरगद, पाकड़, जामुन, नीम जैसे कई वृक्ष लगाएं, उसमे उल्लू के निवास से चूहे पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं।
डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र कटिया (सीतापुर)

खेत के आस-पास पतौरा घास लगाएं इससे चूहे खेत के अंदर नहीं जाएंगे।

खेत के चूहों से कैसे निपटें

“चूहे की वजह से फसल और सब्जियां बहुत प्रभावित होती है, चूहे के लगने से पूरी फसल में 15-30 प्रतिशत तक का नुकसान हो जाता है, कुछ घरेलू तरीकों का प्रयोग कर किसान चूहों से छुटकारा पा सकते हैं।” ये कहना है कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर के डॉ दयाशंकर श्रीवास्तव का।

डॉ श्रीवास्तव बताते हैं, “पतौरा एक ऐसी घास है जिससे हाथ चिर जाता हैं अगर ये घास काटकर खेत के चारों तरफ लगा दी जाए इससे बाहर के चूहे अन्दर नहीं जाएंगे, खेत के अन्दर देख लें कितने चूहों के छेद हैं, उन चूहों के बिल ढक दें अगले दिन फिर चेक करें कोई बिल खुला तो नहीं है, अगर बिल खुले मिलें तो उबले या भींगे चने डाल दें।” वो आगे बताते हैं, “चने डालने वाली प्रक्रिया पांच छह दिन करें, सातवें दिन धतूरे और बेसरम के पत्तों को चने में डालकर उबाल लें, इसके बाद ये चने उन बिलों के पास डाल दें, इन जहरीले चनों से चूहे मर जाएंगे।

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