मई-जून में करें मत्स्य पालन की तैयारी

Diti BajpaiDiti Bajpai   12 May 2017 4:12 PM GMT

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मई-जून में करें मत्स्य पालन की तैयारीमछली पालन के लिए मई और जून उपयुक्त समय है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। जो किसान मछली पालन शुरू करना चाहते हैं उनके लिए मई और जून उपयुक्त समय है। तालाब की तैयारी कर सकते हैं। यदि पहली बार मछली पालन शुरू कर रहे हैं तो सरकार द्वारा अनुदान की भी व्यवस्था है।

मत्स्य विभाग के प्रंबध निदेशक डॉ नरुल हक बताते हैं, “बरसात शुरू होने से पहले जो किसान अपने तालाब में सुधार कराना चाहे करा सकता है और जो मछली पालन शुरू करना चाहे वो तालाब खुदवा लें, क्योंकि जुलाई में मछली के बीजों को किसान तालाब में डाल सकता है, जिससे उसे अच्छा उत्पादन मिल सकेगा। अगर बीज जुलाई के बाद खरीदेगा तो मंहगा भी मिलेगा और दाम भी सही नहीं मिलेगा।”

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डॉ नरुल हक आगे बताते हैं, “बरसात में मछलियों की प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है। जुलाई से हैचरियों में किसानों को अच्छे बीज भी मिल जाते हैं। यदि कोई मछली पालन शुरू करना चाहता है तो वह आधा हेक्टेयर से शुरुआत कर सकता है। इडियन मेजर कार्प (रोहू, कतला, नैन) के बीज डाल सकते हैं।” मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में नौ हैचरी क्रियाशील है। इसके अलावा 40 विभागीय मत्स्य क्षेत्र है जहां से किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध हो सकते हैं। प्रदेश में 227 प्राइवेट हैचारियां भी हैं जहां से बीज मिलते हैं।

नए तालाब के निर्माण के लिए सरकार द्वारा अनुदान की भी व्यवस्था है। नए तालाब के लिए सात लाख रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान मिलता है। वहीं तालाब का सुधार कार्य कराने के लिए तीन लाख रुपए का अनुदान मिलता है। इसमें 75 प्रतिशत भारत और राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है और शेष 25 प्रतिशत किसान को खुद वहन करना होता है।

तालाब तैयार करते समय ध्यान रखें

मछली पालन करने में सबसे महत्वपूर्ण है तालाब। तालाब का चयन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पानी का स्त्रोत तालाब के समीप हो, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे भरा जा सके। उसमें अनावश्यक चीजें जैसे मेंढ़क, केकड़े आदि न हों। जलीय पौधों से रहित दोमट मिट्टी वाले तालाब का चयन करना चाहिए। तालाब ऐसा होना चाहिए, जिसमें कम से कम 5-6 फुट तक पानी भरा रहे। यदि तालाब में जलीय खरपतवार या पौधे हों तो उन्हें उखाड़ देना चाहिए। ये जलीय पौधे तालाब की मिट्टी और पानी में उपलब्ध भोजन तथा पोषक तत्वों को कम कर देते हैं।

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खरपतवार नाशक दवा 2-4 डी का इस्तेमाल करें। इसके बाद पानी में बारीक जाल डाल कर मांसाहारी तथा मिनोज मछलियों को निकाल दें। ये मछलियां पाली जाने वाली मछलियों को चट कर जाती हैं। उसके बाद चूने का छिड़काव करना चाहिए।

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