ससुराल वालों से लड़कर बनी चैंपियन

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   3 Jan 2017 12:55 PM GMT

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ससुराल वालों से लड़कर बनी चैंपियनघास बेचकर की पढ़ाई, फिर मार्शल आर्ट की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीता गोल्ड मेडल।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। सलमा बानो ( 29 वर्ष) को उनके ससुराल वाले बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे। रोज़-रोज़ पति से लड़ाई और ससुराल वालों की प्रताड़ना झेलते-झेलते एक दिन आखिरकार सलमा ने ससुराल छोड़ दिया। सलमा आज अपने बलबूते ना सिर्फ अपने भाई-बहन की शादी करवा चुकी हैं बल्कि गाँव के पास की आत्मरक्षा के गुर सिखाने वाली संस्था जिला मार्शल आर्ट एसोसिएशन में मार्शल आर्ट कला सीखकर नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं।

रायबरेली जिले के बैसवारा क्षेत्र में मदुरी गाँव की रहने वाली सलमा का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। यहां तक कि उसे अपनी पढ़ाई की जिद पूरी करने के लिए नहर किनारे से घास छील कर इक्के-तांगे वालों को बेचना पड़ा। इसी घास बेचने से मिले पैसों से सलमा ने हाईस्कूल पास किया।

10वीं पास होते ही घर वालों ने हमारी शादी करा दी। ससुराल वाले पढ़ाई के खिलाफ थे, किसी तरह लड़-झगड़कर 12वीं पास किया। रोज़-रोज़ लड़ाई से अच्छा था कि मैं मायके आ गई। मायके में आए अभी छह महीने ही बीते थे कि पापा का इंतकाल हो गया। इसलिए घर की पूरी ज़िम्मेदारी मेरे ही ऊपर आ गई।
सलमा, मदुरी, रायबरेली

घर चलाने के लिए सलमा ने पहले दूसरों के खेतों में हल चलाकर, मजदूरी करके और कभी पोलियो कार्यक्रम में ड्यूटी करके, कभी सड़क किनारे कनोपी लगाकर किसी न किसी कंपनी का प्रचार किया और भाई-बहन की शादी भी की। इसी दौरान उसकी पारिवारिक ज़मीन पर भूमाफियाओं की नज़र पड़ गई लेकिन सलमा ने भूमाफियाओं से भी हार नहीं मानी। उसने अपनी ज़मीन का मुकदमा लड़ा और जीता भी।

पहले जब मार्शल आर्ट सीखने जाते थे तो आसपास के लोग हम पर हंसते थे और कहते थे कि ये क्या कर रही हो, कुछ अच्छा काम करो। आज वहीं लोग मुझे देखकर शाबाशी देते हैं।
सलमा, मदुरी गाँव, रायबरेली

इन परेशानियों के बीच सलमा ने अपने गाँव के पास की मार्शल आर्ट एकेडमी में अभ्यास भी जारी रखा।

आज सलमा बानो मार्शल आर्ट की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलकर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इसके साथ-साथ सलमा ने मार्शल आर्ट की इस कला को अपने तक नहीं रखा बल्कि आज वो गाँव-गाँव जाकर लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए नि:शुल्क मार्शल आर्ट शिविर भी चलाती हैं। ग्रामीण लड़कियों को आत्मरक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में सलमा को रानी लक्ष्मी बाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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