जमुनापारी नस्ल की बकरी को पालना आसान 

Diti BajpaiDiti Bajpai   20 May 2017 6:34 PM GMT

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जमुनापारी नस्ल की बकरी को पालना आसान बकरी की जमुनापारी नस्ल से पशुपालक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। कम होती खेती और गाय-भैंसों में होने वाले ज्यादा खर्च के कारण लोगों का रूझान बकरी जैसे छोटे पशुओं के पालन की तरफ बढ़ा है, ऐसे में बकरी की जमुनापारी नस्ल से पशुपालक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

इटावा जिले के चक्करनगर ब्लॉक के तितावली गाँव के रहने वाले रामदास पिछले कई वर्षों से बकरी पालन कर रहे है। रामदास बताते हैं, “हमारे पास 40 बकरे-बकरियां है। बकरियों से करीब 30 लीटर दूध मिल जाता है जिसको बाजार में बेच देते हैं और इनके बकरे दो साल में मांस के लिए तैयार हो जाते हैं। इनके ज्यादा वजन के कारण ही इनकी कीमत अच्छी मिलती है।

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भारत में पाई जाने वाली जमुनापारी नस्ल अन्य नस्लों की तुलना में सबसे ऊंची और लम्बी होती है। यह ज्यादा दूध देने के लिए भी प्रसिद्ध है। यह नस्ल उत्तर प्रदेश के इटावा, गंगा, यमुना और चम्बल नदियों से घिरे क्षेत्र में ज्यादा पाली जाती है।

रामदास इस नस्ल की खासियत बताते हुए कहते हैं, “इनसे दूध और मांस दोनों ही अच्छा मिलता है। इनके मेमने भी अच्छी कीमतों पर लोग खरीद लेते हैं। कम लागत लगाकर भी कोई किसान इसको पाल सकता है। बकरियां जंगलों की पत्तियां खाती हैं इसलिए दाना भी कम देना पड़ता है। इनके मांस की भी अच्छी डिमांड है। इटावा जिले में बहुत लोग इस नस्ल की बकरी को पाल रहे है।”

जमुनापारी नस्ल के बारे में जानकारी देते हुए पशुविशेषज्ञ डॉ गोविंद कुमार वर्मा ने बताया, “जमुनापारी नस्ल को किसान किसी भी परिस्थितयों मे पाल सकता है। इसके प्रबंधन में कोई ज्यादा खर्च नहीं आता है। इस नस्ल की बकरी का दूध मेडिसनल के लिए प्रयोग किया जाता है इसलिए इनके दूध की कीमत अच्छी मिल जाती है। इनके दूध में मिनरल और सॉल्ट की मात्रा अधिक होती है।”

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अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ गोविंद बताते हैं, “इन पर खाने का ज्यादा खर्चा नहीं होता है इनको जंगलों में चारा कर पाल सकता है। इनकी ब्रीडिंग भी अच्छी होती है। ये अपने जीवनकाल में 13 से 15 बच्चे दे देती है।

वयस्क नर का औसत वजन 70-90 किलोग्राम और मादा का वजन 50-60 किलोग्राम होता है।” वो आगे बताते हैं, “अगर कोई किसान इस नस्ल को पालना चाहता है तो वो मथुरा के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण ले सकता है।”

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