#स्वयंफेस्टिवल : बच्चों क्या आपने गुड टच-बैड टच के बारे में सुना है

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#स्वयंफेस्टिवल : बच्चों क्या आपने गुड टच-बैड टच के बारे में सुना हैछात्राओं को गुड टच और बैड टच के बारे में बतातीं श्रीमती नम्रता मिश्रा।

कम्युनिटी रिपोर्टर : अंकित खंडेलवाल ( 25 वर्ष)

स्वयं फेस्टिवल : छठा दिन। स्थान : आगरा का बिचपुरी ब्लाक का चंद्रावती बालिका विद्यालय

गाँव कनेक्शन अखबार की चौथी वर्षगांठ पर यूपी के 25 जिलों में चल रहे स्वयं उत्स्व के अनंतिम दिन आगरा के बिचपुरी ब्लाक के दयालबाग में छात्राओं के लिए गुड टच-बैड टच (अच्छा स्पर्श-बुरा स्पर्श) के बारे में बताया गया।

श्रीमती नम्रता मिश्रा ने छात्राओं से पूछा कि क्या आपने इससे पहले इस बारे में सुना है तो उन्होंने कहा कि नहीं। लेकिन अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श का अहसास उनका है। क्योंकि इस बारे में घर में हमारे बड़े हमें होशियार करते रहते हैं। छात्राओं ने बताया कि मम्मी-पापा ने कहा है कि अगर कोई आपको बुरा स्पर्श करे तो इसके बारे में तुरंत बताएं। स्कूल में भी टीचर यही सिखाते हैं। वह कहते हैं कि किसी भी प्रकार की तकलीफ के बारे में तुरंत सूचना देनी चाहिए। डरकर बैठने से इसका हल नहीं निकलेगा।

छात्राओं ने इस सत्र में सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।

श्रीमती नम्रता मिश्रा ने इस कांसेप्ट के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जब आपके माता-पिता या शिक्षक आपकी पीठ थपथपाते हैं तो इसे अच्छा स्पर्श कहते हैं। दादी जब आपको प्यार से कोई इनाम दे तो यह अच्छा स्पर्श है। वहीं कोई अजनबी जब आपको गलत ढंग से छुए तो यह बुरा स्पर्श है। इसके बारे में तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। इससे पुलिस उन्हें सबक सिखाएगी ताकि वह और किसी के साथ ऐसा न करें।

यही नहीं बच्चों आपको दूसरों से आत्मरक्षा करना भी आना चाहिए। अगर कोई आपका रास्ता रोके या तंग करे तो तुरंत उसे ऐसा करने से रोकना जरूरी है। इसके लिए आप मार्शल आर्ट या अन्य कोई विद्या सीख सकती हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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