आम के बाग में उगाएं सब्जियां

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आम के बाग में उगाएं सब्जियांकिसानों की धारणा है कि पूरे वर्ष में एक बार आम की खेती ही कर सकते हैं

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। आम की फसल करने वाले किसानों की धारणा है कि पूरे वर्ष में एक बार आम की खेती ही कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश के कई किसान आम के बाग में ऐसी फसलों की खेती कर रहे हैं जो छांव में पैदा होती हैं जैसे अदरक, हल्दी और आलू। खेती के दौरान फसल को मिलने वाली अतिरिक्त खाद, सिंचाई, निराई-गुड़ाई के नाते बाग के उत्पाद एवं उसकी गुणवत्ता को और बेहतर बनाती है।

लखनऊ मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर माल गाँव में 10 एकड़ में आम की खेती करने वाले अजय राज त्रिपाठी (50 वर्ष) बताते हैं, “मेरे यहां पुश्तों से आम की खेती होती है। पहले मेरे पिताजी सिर्फ आम की फसल करते थे पर जब मैंने आम की फसल करनी शुरू की तो मैंने देखा साल में एक बार ही फसल होने से मुनाफा काफी कम होता है।”

राज त्रिपाठी आगे बताते हैं, “बाग में सबसे पहले मैंने आलू की खेती करनी शुरू की फिर धीरे-धीरे छाया में होने वाली फसल अदरक और हल्दी की खेती करने लगा। पिछले 20 वर्षों से मैं आम की फसल के साथ बदल-बदल कर अदरक, हल्दी और आलू की खेती करता हूं। जिससे मुझे दुगुना मुनाफा होता है।”

जिला उद्यान अधिकारी बाराबंकी जयकरन सिंह बताते हैं, “आम की फसल में शुरुआत के पांच वर्ष तक गेहूं, धान जैसी कई फसलें कर सकते हैं। लेकिन सरसों की खेती आम के बाग में नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे आम के बाग में पाला लगने का खतरा रहता है। पांच वर्ष के बाद आम के बाग में केवल वही फसलें करनी चाहिए जो जमीन के नीचे होती हैं जैसे कि धनिया, आलू, अदरक, हल्दी जैसी फसलें। आम की बाग में फसले करने से लाभ ही होता है।”

गोरखपुर के किसाना आशुतोष शुक्ला (48 वर्ष) बताते हैं, “मैं आम के बाग में हल्दी की खेती पिछले पांच वर्ष से करता आ रहा हूं। हल्दी की खेती करने से आम के पौधों को काफी फायदा होता है।” आशुतोष आगे बताते हैं, “आम की फसल के साथ-साथ हल्दी की खेती से दोहरा मुनाफा होता है। अगर कभी आम की फसल में घाटा होता है तो हल्दी से वह घाटा पूरा हो जाता है।”

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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