स्वास्थ्य केंद्रों में लटके हैं ताले, कहां जाएं ग्रामीण

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स्वास्थ्य केंद्रों में लटके हैं ताले, कहां जाएं ग्रामीणपंचायतों की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा है इस केन्द्र के ऊपर

शुभम शंकर मिश्रा, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

बहराईच। जिले के फखरपुर ब्लॉक में गाँवों की स्वास्थ्य सेवाएं लचर होती जा रही हैं। ग्रामीणों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, मगर उन्हें अपने गाँव में इलाज नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने गाँवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले मगर उन पर अब तक ताला लटका हुआ है।

जिला मुख्यालय से 15 किमी. दक्षिण फखरपुर ब्लॉक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फखरपुर है। इस केंद्र के ऊपर 74 पंचायतों की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा है। सरकार ने मदद के लिए आस-पास के गाँवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण भी कराया गया, मगर विभागीय लापरवाही से उपकेंद्र बमियारी, उपकेंद्र डीहवा कला और उपकेंद्र कोडाही निर्माण के बाद आज तक बंद हैं।

इस बारे में डिहवा निवासी 42 वर्षीय आदिक राम पांडेय ने बताते हैं,’’ये उपकेंद्र जब से बने हैं, ऐसे ही बंद पड़े हैं। भवन के अंदर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। कोई भी अफसर देखने और सुनने वाला नहीं है। हम लोग को इलाज के लिए फखरपुर या बहराईच ही जाना पड़ता है। ऐसे में इन सब दिखावे का कोई मतलब नहीं है।”

वहीं, इस संबंध में कोडाही निवासी 32 वर्षीय प्रदीप दुबे बताते हैं, “अगर कोई रात में बीमार हो जाता है तो हम लोगों को बहुत मुश्किल होती है। गर्भवती महिलाओं को फखरपुर सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है। इन उपकेंद्रों में आवारा जानवर घूमते रहते हैं। इस संबंध में जब फखरपुर सीएचसी अधीक्षक प्रत्युष सिंह से संपर्क किया तो वह इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए और उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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