अस्पताल में शौचालय न होने से खेतों में जाने को मजबूर मरीज और तीमारदार

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अस्पताल में शौचालय न होने से खेतों में जाने को मजबूर  मरीज और तीमारदारपीएचसी खुटेहना में न तो शौचालय है और जलापूर्ति, ऐसे में न सिर्फ मरीज, बल्कि तीमारदार भी परेशान होते हैं।

रोहित श्रीवास्तव, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

बहराइच। एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की तस्वीरें पेश कर रही हैं, वहीं पीएचसी खुटेहना में मरीजों को आम सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। पीएचसी में न पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की। ऐसे में न सिर्फ मरीज, बल्कि तीमारदार भी परेशान होते हैं।

बहराइच के जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित खुटेना ब्लॉक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। यहां निर्माण तो करा दिया, लेकिन मरीजों को कई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। पीएचसी में वॉटर टैंक तो लगा है, मगर मोटर कई वर्षों से खराब है। ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को पास के हैंडपंप से पानी लाने के लिए विवश होना पड़ता है। वहीं, पीएचसी में बने शौचालय की स्थिति भी दयनीय है। जच्चा-बच्चा और प्रसव विभाग के शौचालय टूट चुका है।

यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। अगर कोई शिकायत मेरे पास आती है तो मैं जरूर इस पर कार्रवाई करूंगा।
अरुण लाल, सीएमओ, बहराइच

वहीं जनता की समस्याओं से अंजान अधिकारियों के उदासीन रवैये के चलते खुटेहना जैसे बड़ी आबादी वाली जगह में मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो का यह हाल हो चुका है। ऐसे में प्रसव कक्ष में मौजूद ड्यूटी करने वाली बाई भी प्रसव करवाने के समय बाल्टी भर कर पानी ले जाने को मजबूर दिख रही हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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