ऐसे कैसे साकार होगा स्वच्छ भारत का सपना

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ऐसे कैसे साकार होगा स्वच्छ भारत का सपनाप्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत मिशन का सपना फिलहाल जिले में साकार होता नहीं दिख रहा है।

श्रीवत्स अवस्थी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का सपना फिलहाल जिले में साकार होता नहीं दिख रहा है। शौचालय निर्माण में जिला लगातार पिछड़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में जिले को मिले शौचालय निर्माण का लक्ष्य अभी तक आधा भी नहीं हो पाया है। एेसे में जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने की बातें कपोल कल्पना ही नजर आ रही है। 22750 के सापेक्ष अभी तक 10220 शौचालयों का निर्माण ही हो पाया है। प्रदेश स्तरीय समीक्षा में जिले को 41वां स्थान मिला है।

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आंकड़ें बताते है कि वित्तीय वर्ष 2016—2017 में जिले में 22,750 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके सापेक्ष अभी तक जिले में मात्र 10,220 शौचालयों का ही निर्माण हो सका है। प्रदेश के 75 जिलों की हुई समीक्षा में उन्नाव 41वें नंबर है। प्रगति कम होने को लेकर शासन ने कड़ी नाराजगी जताई है। जिसके बाद जिले में शौचालयों के निर्माण को लेकर सरगर्मी नजर आ रही है। शौचालयों का निर्माण पूरा न हाने का सीधा असर स्वच्छ भारत मिशन पर पड़ रहा है।

इस वित्तीय वर्ष में मिशन के तहत 201 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने की लक्ष्य तय किया गया है। इसके सापेक्ष अभी 58 ग्राम पंचायतों में ही सफलता मिली जबकि 50 ग्राम पंचायतों का सत्यापन कार्य अधूरा है। जिला पंचायत राज अधिकारी सर्वेश पाण्डेय ने बताया कि सभी खंड़ विकास अधिकारियों को हरहाल में 31 मार्च से पहले शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य पूरा कर लेने की कड़ी चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल से पहले आेडीएफ का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। कई ग्राम पंचायतों में ट्रिगर हो चुका है आेडीएफ की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है जिसे दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

धनाभाव में पिछड़ रहा शौचालय निर्माण कार्य

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जिले में शौचालयों का निर्माण कराया रहा है। वित्तीय वर्ष 2016—17 को समाप्त होने में मात्र एक पखवारे का समय शेष है लेकिन अभी तक शौचालयों के निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है। बताया जाता है कि 14358 शौचालय आधे बन चुके हैं। इन शौचालयों के लाभार्थियों को पहली किश्त के रूप में 6000 रुपये की धनराशि जारी की थी। इस पैसे से लाभार्थियों ने शौचालयों की दीवार आदि खड़ी करा ली लेकिन पैसे के अभाव में शौचालय पूरे बनकर तैयार नहीं हो पाए।

पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 14358 शौचालयों के निर्माण के लिए 8 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसके लिए मांगपत्र बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। जिला पंचायतराज अधिकारी सर्वेश कुमार पांडेय ने बताया कि 6 हजार रुपये प्रति लाभार्थी के हिसाब से पैसे की मांग की जा चुकी है। जैसे ही धनराशि प्राप्त होगी वैसे ही शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा करा लिया ।

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