देरी से बोए गेहूं में इस समय हो सकता है अनावृत्त कंडुवा रोग का प्रकोप 

Divendra SinghDivendra Singh   21 March 2017 8:09 PM GMT

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देरी से बोए गेहूं में इस समय हो सकता है अनावृत्त कंडुवा रोग का प्रकोप देरी से बोए गेहूं में इस समय हो सकता है अनावृत्त कंडुवा रोग का प्रकोप

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। देर से बोए गए गेहूं की फसलों में इस समय अनावृत्त कंडुवा रोग का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में किसान रोगग्रस्त बाली दिखायी देने पर उसे लिफाफे में डालकर काट लें और जमीन में गाड़ दें।

प्रदेश के कई कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बैठक में मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह की पहली बैठक में बताया कि किसान कैसे इस हफ्ते फसलों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं।

मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह की वर्ष 2017 की चौथी बैठक प्रो. राजेन्द्र कुमार, महानिदेशक,उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में निदेशक, मौसम विज्ञान विभाग, अमौसी, लखनऊ, चशे. कृषि और प्रौ. विश्वविद्यालय, कानपुर के तिलहन एवं कीट वैज्ञानिक, नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौ. विश्वविद्यालय, कुमारगंज, फैजाबाद के मौसम वैज्ञानिक, दलहन वैज्ञानिक एवं पादप रोग वैज्ञानिक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के मौसम एवं फसल वैज्ञानिक, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन विभाग, रेशम विभाग, रिमोट सेंसिंग, वन विभाग, इफ्को किसान संचार लि., लखनऊ के प्रतिनिधि तथा परिषद के अधिकारियों/वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

प्रदेश में मौसम के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किसानों को अगले सप्ताह कृषि प्रबन्धन के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये जाते हैं-

गेहूं की खेती

देर से बोए गए गेहूं की फसलों में इस समय अनावृत्त कंडुवा रोग का प्रकोप बढ़ जाता है, ऐसे में किसान रोगग्रस्त बाली दिखायी देने पर उसे लिफाफे में डालकर काट लें और जमीन में गाड़ दें। बीज के लिये बोए गए गेहूं की प्रजाति की शुद्धता बनाये रखने के लिये रोगिंग (अवांछित पौधों को निकाल दें) करें। सायंकाल हवा के मंद होने पर ही आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।


जायद फसलों की खेती

मूंग की सम्पूर्ण उ.प्र. हेतु अधिक उपज वाली व पीला मोजैक अवरोधी संस्तुत प्रजातियों यथा मालवीय ज्योति, मालवीय जागृति, मालवीय जनप्रिया, मेहां, पूसा विशाल, टी.एम.वी.-37, मालवीय जनचेतना, नरेन्द मूंग-1, के.एम.-2241, एच.यू.एम.-16 की बुवाई करें।

बाजरा की संस्तुत संकुल किस्मों आई.सी.एम.वी.-221, आई.सी.टी.पी.-8203, राज-171, पूसा कम्पोजिट-383 तथा संकर किस्मों यथा 86 एम.-52, जी.एच.बी.-526, जी.एच.बी.-558 एवं पी.बी.-180 की बुआई करें।

ज्वार की एकल कटाई हेतु संस्तुत प्रजातियों पी.सी.- 6,9,23, एच.सी.-171, 260, यू.पी. चरी-12, राज चरी-1,2 तथा बहु कटाई वाली प्रजातियों एस.एस.जी.-998, 855, को.-27, पंत चरी-5 की बुवाई करें। लोबिया की उन्नत किस्मों कोहिनूर, श्वेता, बी.एल.-1, बुन्देल लोबिया-2,3, जी.एफ.सी.-1,2,3 एवं 4, यू.पी.सी.-618, 622 तथा ई.सी.-4216 की बुवाई करें।

गन्ना की खेती

गन्ने की बुवाई यथाशीघ्र पूर्ण करें। पेड़ी व अनुपचारित बावक गन्ने में कण्डुआ के काले चाबुक दिखाई देने पर कागज को लिफाफे में ढककर काट लें तथा मिट्टी में दबा दें। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद हेतु संस्तुत को.शा. 07250 प्रजाति की बुवाई करें।

जल भराव वाले क्षेत्रों में फरवरी मार्च में प्रत्येक दशा में बुआई कर देनी चाहिए जल भराव हेतु यू.पी. 9530, को.लख 94184 व को.से. 96436 प्रजातियों में एक या दो का चुनाव करें।

बागवानी

आम में भुनगा कीट की रोकथाम हेतु वर्टीसीलियम लेकेनाई 3 मिली. प्रति लीटर अथवा फास्फोमिडान (0.6 मिली./ली. पानी) अथवा डायमेथोऐट/क्वीनालफास (2.0 मिली./ली. पानी) का छिड़काव करें।

आम में खर्रा रोग से बचाव हेतु घुलनशील गन्धक (2 ग्रा./ली. पानी) तथा इसके 10-15 दिन बाद डाइनोकैप अथवा ट्राईडोमार्फ (0.6 मिली. प्रति ली. पानी) का छिड़काव करें। आम की विकृत मंजरियों को काट कर हटा दें।

मत्स्य पालन

कामन कार्प का मत्स्य बीज हैचरियों पर उपलब्ध है मत्स्य पालक कामन कार्प के मत्स्य बीज का संचय करें। जिन तालाबों में मछलियों के शिकार माही 60 प्रतिशत तक निकाले जा चुके हैं, ऐसे तालाबों में 5000 अंगुलिकाएं प्रति हेक्टेयर की दर से संचित करें। मत्स्य पालक अपने जनपद में स्थापित सहायक निदेशक मत्स्य/मत्स्य पालक विकास अभिकरण सम्पर्क में रहें।

इस हफ्ते मौसम का असर

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान एवं उपग्रह से प्राप्त चित्रों के विश्लेषण के अनुसार इस सप्ताह ( 20 मार्च से 27 मार्च, 2017 तक) मौसम के इस प्रकार रहने की सम्भावना हैः- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्के बादलों की आवाजाही रहेगी लेकिन मध्य उत्तर प्रदेश, बुंदेलखण्ड एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में आसमान साफ रहेगा एवं सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में वर्षा होने की कोई सम्भावना नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों यथा बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, महराजगंज, फैजाबाद, बस्ती, अंबेडकर नगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया इत्यादि अंचलों में इस सप्ताह में हवाएं मुख्यतया पूर्वी, दक्षिणी-पूर्वी दिशा में 4-8 किमी. प्रति घण्टा की गति से चलने की सम्भावना है। प्रदेश के अन्य अंचलों यथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश एवं बुंदेलखण्ड में हवाओं के 5-10 किमी. प्रति घण्टा की गति से मुख्यतया पश्चिमी व उत्तरी-पश्चिमी दिशा में चलने की सम्भावना है। प्रदेश के सभी अंचलों में सप्ताह के प्रारम्भ के तीन दिनों में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान के सामान्य रहने एवं अंतिम चार दिनों में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेन्टीग्रेड की वृद्धि होने की सम्भावना है। प्रदेश में औसत रूप से वातावरण में नमी का प्रतिशत प्रातःकाल 25-30 प्रतिशत एवं दोपहर में 10-15 प्रतिशत के मध्य बने रहने की सम्भावना है। कुल मिलाकर इस सप्ताह हल्के बादलों को छोड़कर आसमान के साफ रहने सम्भावना है तथा मौसम के शुष्क रहने की सम्भावना है।

   

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