घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिला रहा आशा ज्योति केन्द्र

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   3 Feb 2017 7:57 PM GMT

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घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिला रहा आशा ज्योति केन्द्रपीड़ित महिलाओं को कानूनी, मेडिकल और पुलिस सहायता मिलती है एक छत के नीचे।

वाराणसी। जब अपने पति की गाली-गलौच और बात-बात पर शक करने की आदत से परेशान तीस वर्षीय पीड़िता की मदद पुलिस व किसी भी सरकारी विभाग ने नहीं की, तो उसने मदद के लिए अपने जिले के ही आशा ज्योति केंद्र का सहारा लिया।

जब उस दिन मैं अपने घर पर भाई से बात कर रही थी, तब अचानक मेरे पति कमरे में आए और मेरे हाथ से फोन छीन कर बिना देखे मुझे उल्टा सीधा कहने लगे और मेरे ऊपर हाथ भी उठाया।
पीड़िता

देश में महिलाओं को उनका हक दिलाने का काम रही संस्था नेशनल कमीशन फॉर वीमेन के आंकड़ों के अनुसार भारत में घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में हैं। वर्ष 2015-16 में अकेले उत्तरप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों की संख्या 6,110 थी, जबकि दिल्ली में 1,179, हरियाणा में 504, राजस्थान में 447 और बिहार में 256 मामले दर्ज हैं।

घरेलू हिंसा, दुराचार और एसिड अटैक की बढ़ती वारदातों की शिकार महिलाओं को सहारा देने व उनका दर्द बांटने के लिए प्रदेश सरकार ने वाराणसी जिले समेत 11 जिलों (गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, आगरा, लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद,गोरखपुर, गाजीपुर, कन्नौज) में रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्र स्थापित किए हैं।

वाराणसी जिले के नगवा क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने आशा ज़्योति केंद्र प्रभारी सोनल श्रीवास्तव ने बताया कि हम बहुत ही गरीब परिवार से हैं, पति एक अस्पताल में काम करते हैं। ज़्यादा पैसा नहीं मिलता है। जब शादी हुई थी तब ऐसे नहीं थे पर अब छोटी-छोटी बातों पर मुझे डराते और धमकाते हैं।

वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में बने आशा ज्योति केंद्र में अभी तक कुल 217 मामले आ चुके हैं। इसमें से 80 प्रतिशत मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हैं। दस प्रतिशत मामले रेप व यौन शोषण के हैं, जबकि शेष पांच प्रतिशत मामले संपत्ति विवाद से जुड़े हुए हैं।

पीड़िता की शिकायत के तीन दिन बाद हमने दोनो पक्षों के साथ संयुक्त बैठक की और दोनों को काफी समझाया। इसके बाद पीड़िता के पति ने अपनी परेशानी सामने रखकर उससे माफी मांगी और दोनो को वापस घर भेज दिया गया।
सोनल श्रीवास्तव, केंद्र प्रभारी, आशा ज़्योति केंद्र, वाराणसी

रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्र में महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं

आशा ज्योति केंद्रों पर एक छत के नीचे पीड़िता की एफआईआर रिपोर्ट लिखने के अलावा उसे परामर्श, मेडिकल चेकअप, कौशल विकास प्रशिक्षण दिए जाने जैसी सुविधाएं हैं। अगर पीड़िता महिला हेल्प लाइन 181 टोल फ्री के नंबर पर शिकायत करती है, तो तुरंत उस महिला की शिकायत पर कार्रवाई कर उसका समाधान किया जाता है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

         

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