यहां कई वर्षों से आकर्षण का केंद्र बने विदेशी पक्षी

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यहां कई वर्षों से आकर्षण का केंद्र बने विदेशी पक्षीकानपुर देहात के राजपुर ब्लाक के कांधी गाँव में पेड़ों पर बैठे ये विचित्र पक्षी पैंटेड स्टॉर्क हैं।

भारती सचान, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। यहां पिछले कई वर्षों से विदेशों से उड़कर सैकड़ों की तादाद में आने वाली पक्षी पैडेड स्टार्क नाम की चिड़िया लोगों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सितंबर माह में ये विदेशों से उड़कर यहां आते हैं और प्रजनन के बाद जब बच्चा उड़ने काबिल हो जाता है तो सारे पक्षी फिर उड़कर अपने देश वापस चले जाते हैं।

कानपुर देहात जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर पश्चिम दिशा राजपुर ब्लाक के कांधी गाँव में पेड़ों पर बैठे ये विचित्र पक्षी पैंटेड स्टॉर्क हैं। यहां के ग्रामीण राकेश कटियार का कहना है, "यह पक्षी प्रति वर्ष ठंडक शुरू होने से पहले यहां आते हैं और मार्च तक चले जाते हैं। ये पक्षी मांसाहारी होते हैं और ये सिर्फ मछली खाते हैं।

वन विभाग द्वारा इन पक्षियों के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये गए हैं। अगर वन विभाग और प्रशासन अपनी भूमिका निभाए तो यह स्थल बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है। क्योंकि यह स्थान हाईवे से सटा है और इन पक्षियों के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
मनोरमा, ग्रामीण

पक्षी संगठित होकर कांधी गाँव के कुछ पेड़ इन पक्षियों ने चिन्हित कर लिए हैं और उन्हीं पेड़ों पर ये पक्षी हर साल आकर रहते हैं और अपना घोसला बनाकर बच्चों को जन्म देते हैं।” इन विदेशी पक्षियों की याददाश्त बहुत गहरी होती है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सालभर बाद भी ये अपने बैठने का स्थान नहीं भूलते।

सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इन पंक्षियों के प्रजनन, भोजन की व्यवस्था की व्यवस्था की गई है। पक्षियों की सुरक्षित प्रवास के लिए प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है।
राजीव मिश्रा, प्रभागीय वनाधिकारी, कानपुर देहात

वन विभाग के आलाधिकारी भी मानते हैं कि साइबेरिया में जब तापमान शून्य के आसपास हो जाता है तब यह पक्षी बड़े तादाद में वहां से उड़कर यहां आ जाते हैं और यहां प्रवास करने लगते हैं। यहीं पर आसपास के क्षेत्रों से अपना भोजन तलाश कर लेते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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