अच्छी ख़बर: गाँवों की जमीन भी होगी ऑनलाइन, बाराबंकी में चल रहा है पायलट प्रोजेक्ट

Swati ShuklaSwati Shukla   18 March 2017 1:01 PM GMT

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अच्छी ख़बर: गाँवों की जमीन भी होगी ऑनलाइन, बाराबंकी में चल रहा है पायलट प्रोजेक्टअब खेती से जुड़े हुए नक्शे को भी ऑनलाइन किया जा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। राजस्व विभाग पारदर्शिता लाने के लिए खाता खतौनी संख्या को ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद खेती से जुड़े हुए नक्शे को भी ऑनलाइन किया जा रहा है। वहीं, ग्राम सभाओं की सारी जमीन के नक्शे को ऑनलाइन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पाय़लट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी में चलाया जा रहा है।

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इससे नक्शे को देखने के लिए तहसीलों और लेखपालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। इसके अलावा खाता खतौनी की तरह मैप भी ऑनलाइन होंगे। नक्शे की जानकारी होने पर ग्राम समाज की जमीन पर लोग कब्जा नहीं कर पाएंगे।

इस बारे में जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर मोहनलालगंज के उपजिलाधिकारी संतोष सिंह बताते हैं, “खाता खतौनी के बाद अब मैप को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिसमें पारदर्शिता भी आ सके और सही मैप की जानकारी लोगों को मिल सके। खेती से जुड़े ऐसे बहुत से मामले होते हैं, जिनके लिए आए दिन तहसील में मैप देखने के लिए लोग आते हैं। अब वो लोग मैप ऑनलाइन देख सकेंगे। अभी ये पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर बाराबंकी में चलेगा उसके बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया जाएगा।”

विवादित भूमि की जानकारी भी होगी ऑनलाइन

इसके अतिरिक्त विवादित भूमि की जानकारी ऑनलाइन करने के लिए शासन ने अहम कदम उठाया है। सभी ग्राम सभाओं की विवादित जमीन को ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे घर बैठे इसकी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके तहत 15 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक सभी गाँवों में 16 गाँवों के यूनिकोड निर्धारित किए जाएंगे। प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक गाटे को भी निर्धारित किया जाएगा। विवादित भूमि के ऑनलाइन होने से तहसील और लेखपालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

खाता खतौनी के बाद अब नक्शे को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिसमें पारदर्शिता आ सके और सही नक्शे की जानकारी लोगों को मिल सके।
संतोष सिंह, एसडीएम, मोहनलालगंज

इस तरह मिलेगी जानकारी

16 अंकों को यूनिकोड नम्बर होगा। जिसे डायल कर गाँव टाइप करते ही विवादित नम्बर की जानकारी हो जाएगी कि गाटा संख्या में किस प्रकार का वादा विवाद चल रहा है। किस पर आबादी, तालाब और कहां से सड़क है, इस बात की जानकारी भी मिल सकेगी। यूनिकोड को चार भागों में बांटा गया है। पहला राजस्व कोड, दूसरा गाटा संख्या कोड, तीसरे में गाटा विभाजन कोड और चौथा भूमि श्रेणी कोड है।

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