अस्पताल की व्यवस्था तो देखिए, दर्द से कराहती प्रसूता को जमीन पर लिटा दिया
Kishan Kumar 29 May 2017 9:47 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
रायबरेली। जननी सुरक्षा योजना को लेकर सरकार चाहे जितनी ही गम्भीर हो, लेकिन रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीएचसी के बाहर फर्श पर कराहती प्रसूता को देखकर समझा जा सकता है कि यहां जननी सुरक्षा की स्थिति कैसी है।
ऊंचाहार ब्लाक के खरौली ग्राम सभा निवासी अशोक कुमार (40) अपनी पत्नी सुरेखा (35) को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी लाए थे। आराम नहीं मिलने पर महिला चिकित्सक ने उसको जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिवार के लोगों को आरोप है कि महिला चिकित्सक ने इलाज के लिए पांच हजार रुपए की मांग की थी।
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जब रुपए नहीं दिए गए तो जबरन जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। परिजनों ने चिकित्सक को बताया कि उसके पास कोई साधन नहीं है। इसके बावजूद बिना एम्बुलेंस मंगवाये अस्पताल से बाहर कर दिया गया। प्रसूता को दूसरी मंजिल से नीचे लाया गया और अस्पताल के फर्श पर लिटा दिया गया। महिला दर्द से तड़पती रही पर किसी भी स्वास्थ्यकर्मी को उस पर तरस नहीं आया।
प्रसूता सूरेखा देवी के पति अशोक कुमार ने बताया कि, “जब पत्नी के पेट का दर्द ठीक नहीं हो रहा था तो महिला डाक्टर से बात की। वो बोली पैसा लाओ तो आगे बात बने। इस बीच जब एम्बुलेंस मांगी तो भी बदतमीजी से बात की गयी। मामले की शिकायत इसलिए नहीं की, क्योंकि पत्नी की हालत नाजुक है। पहले इसका इलाज कराना है।”
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इस प्रकरण पर रायबरेली के सीएमओ डाॅ. डीके सिंह का कहना है, “महिला चिकित्सक की अभी नई तैनाती हुयी है। उन्हें एम्बुलेंस मंगाने के लिये किन औपचारिकताओं को पूरा करना होता है इसकी जानकारी नही है। सीएचसी अधीक्षक ने एम्बंलेंस की व्यवस्था करा दी थी। पैसा मांगने की कोई शिकायत नहीं की गयी है। अगर शिकायत आयेगी तो कार्रवाई की जाएगी।“
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