#स्वयंफेस्टिवल: सुरक्षा एवं आत्मरक्षा की जानकारी महिलाओं की जरूरत 

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#स्वयंफेस्टिवल: सुरक्षा एवं आत्मरक्षा की जानकारी महिलाओं की जरूरत गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर स्वयं फेस्टिवल 2016 के तहत हुआ कार्यक्रम।

साधना शुक्ला

लखनऊ। महिला सम्मान प्रकोष्ठ के योगेन्द्र तेवतिया ने कहा कि देशभर में अपराध और अत्याचार से जूझती महिलाओं को आत्मरक्षा और सुरक्षा के संबंधित जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें इन अपराधों के खिलाफ अपने आत्मसम्मान के लिए आवाज बुलंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना भी जरूरी है। योगेन्द्र तेवतिया ने महिलाओं को 1090 के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

ये मौका गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर स्वयं फेस्टिवल 2016 का। मड़ियांव के रामलीला मैदान में महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में महिलाओं और लड़कियों को भी उनके खिलाफ हो रहे अपराधों से सजग कराया गया। इसके साथ ही उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हुए मुफ्त दवाऐं भी बांटी गईं।

कार्यक्रम में महिलाओं को उनके सम्मान के प्रति जागरुक किया गया। उनहोंने बताया कि महिलाओं, नाबालिग बच्चियों व मासूमों के साथ होने वाले अपराधों पर लगाम कसने और उनके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रदेश में इस सेवा की शुरुआत की गई। 1090 वुमेन पावर हेल्पलाइन के जरिए कोई भी पीड़िता अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। उन्होंने इसकी तकनीकी जानकारी बताया कि महिलाओं के लिए यह सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है। वूमेन पावर हेल्पलाइन नंबर राज्य की महिलाओँ और लड़कियों (विशेष रूप से ग्रामीण) के लिए एक हथियार है। जिसके जरिए वे स्वयं अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अपराध या अत्याचार के खिलाफ कदम उठा सकती हैं।

महिलाओं को मिली परिवार नियोजन की जानकारी

ग्रामीण महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के लिए जागरुक करते हुए उन्हें परिवार नियोजन के बारे में कार्यक्रम में बताया गया। डॉ ऊमा मिश्रा ने महिलाओं को यह जानकारी दी कि किस प्रकार परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाकर वे एक सुखी और समृद्ध जीवन पा सकती हैं। इससे होने वाले विभिन्न लाभों के बारे में बताया गया । इसके साथ ही डॉ ऊमा ने बताया कि किस तरह बिना किसी परिवार नियोजन को अपनाने से उनके परिवार और स्वास्थ्य को किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इस अवसर पर ग्रामीणों को मुफ्त दवाऐं भी उपलब्ध कराईं गईं। इस कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक लोग शामिल हुए

क्या है गुड और बैड टच?

इस कार्यक्रम में केएचईएल (किड्स हॉलिस्टिक एजूकेशन एण्ड लाइफस्किल) की सदस्य पूजा और आयूषी ने भी भाग लिया। उन्होंने भी नाबालिग बच्चियों को अच्छे और बुरे स्पर्श में अंतर बताया। इसके साथ ही बच्चियों को इस बात से अवगत कराया कि अगर किसी भी व्यक्ति की ओर से किसी भी तरह के स्पर्श से वे असहज महसूस करती हैं तो उन्हें उस व्यक्ति को ना बोलना जरूरी है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation www.ipsmf.org).

      

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