आम के पेड़ पर बौर देख किसानों के खिले चेहरे 

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आम के पेड़ पर बौर देख किसानों के खिले चेहरे कीट और रोगों से बचाव के लिए समय पर करें तैयारी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मलिहाबाद-लखनऊ। बागों में निकल रहे बौर को देखकर बागवानों का अनुमान है कि इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा फसल अच्छी व अगेती रहेगी। निकल रहे बौर को देख आम उत्पादकों ने फसल पर लगने वाले कीटों व रोगों से फसल बचाव के उपाय शुरू कर दिए हैं।

आम के प्रमुख बागवान प्रदीप कुमार मौर्य का कहना है “वर्तमान समय में बागों में बौर निकलने की मंजरियों का काम शुरू होता था। लेकिन उनके बाग में 5-6 इंच का बौर निकलकर खिलने लगा है। इस निकले बौर में चन्द दिनों बाद आम फल का बैठना शुरू हो जाएगा।” ग्राम ढ़ेढ़ेमऊ निवासी बागवान रितेन्द्र कुमार व मुजासा निवासी अर्जुन पासी ने बताया कि ऐसी ही स्थिति उनके दो बागों में है।

अगेती बौर निकला देख बागवानों को संदेह है कि अगर आसमान साफ रहा तो यह बौर कामयाब होगा लेकिन अगर कोहरा व बादल छाए रहे तो बौर नष्ट हो सकता है। आम विशेषज्ञ अनिल सिंह चौहान बताते हैं “जिन बागवानों ने समय से अपने बागों की देखरेख कर समय से गुड़ाई, खुदाई व जैविक या कम्पोस्ट खादों का प्रयोग किया है उन बागों मे नमी व गर्मी के साथ तापमान सामान्य होते ही बौर निकलना शुरू हो गया।”

औद्यागिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र के उद्यान विशेषज्ञ डाॅ. अतुल कुमार सिंह ने फसल बचाव के लिए बागवानों को सलाह देते हुए कहा “वर्तमान समय गालमिज व गुजिया कीट का प्रकोप आम के बागों पर है। इसके बचाव के लिए पेड़ों के तनों पर कीटनाशक दवा का बुरकाव करने के साथ छिड़काव करना चाहिए। कोहरे व बदरी होने से फफूंद नाशक रोग फैल सकते हैं। इनके बचाव के लिए फफूंदी नाशक दवाओं का मिश्रण कीटनाशक दवा के साथ करके छिड़काव करना चाहिए। अगर तापमान मे अधिक गिरावट आती है तो पेड़ों को सामान्य तापमान में रखने हेतु डायमोथिएट एम-45 व डस्ट पाउडर का छिड़काव करना लाभदायक है।”

कीट और रोगों से बचाव के लिए समय पर करें तैयारी

आम विशेषज्ञ अनिल सिंह चौहान का मानना है कि यदि समय पर कीटों व रोगों की रोकथाम कर ली जाए तो आगामी समय में फसल अच्छी तैयार होकर डाल का पका आम 25 मई तक बाजारों में आ जाएगा। आम उत्पादक मुजीब खां बताते हैं कि जिन पेड़ों में इस वर्ष फसल नहीं आई वह पेड़ अगले वर्ष जल्दी ही फलत देने लगते हैं। बागवान रामेश्वर का कहना है कि फरवरी माह के तीसरे सप्ताह मे बागों मे कूंच निकलती है। क्योंकि इस माह तापमान सामान्य होकर गर्मी की ओर बढ़ता है। जिसमें गालमिज, सूड़ी, भुनगा व रोजी जैसी अनेक कीट पनप कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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