मनरेगा मजदूरों की होली रहेगी फीकी, कई महीनों से नहीं मिली मजदूरी

Swati ShuklaSwati Shukla   6 March 2017 7:13 PM GMT

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मनरेगा मजदूरों की होली रहेगी फीकी, कई महीनों से नहीं मिली मजदूरीकाम करने के सात-आठ महीनों बाद भी मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पायी।

लखनऊ। सौ दिनों तक रोजगार दिलाने के लिए मनरेगा योजना की शुरुआत की गयी, लेकिन काम करने के सात-आठ महीनों बाद भी मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पायी। ऐसा ही रहा तो इस बार मजदूरों की होली फीकी रहेगी।

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लखनऊ जिले के काकोरी ब्लॉक के सिगरामऊ गाँव में रहने वाले रामखिलावन (55 वर्ष) बताते हैं, “यहां पर एक रोजगार सेवक हैं, जिसने मेरा जॉब कार्ड से नाम भी काट दिया और मेरे बकाया पैसे भी नहीं दिए। चुनाव की वजह से तहसील दिवस भी नहीं लग रहा है, जिसके कारण हम शिकायत बड़े अधिकारियों से नहीं कर पाए। प्रधान जी से कई बार यहां के कहा लेकिन उन्होंने अभी तक कोई हमारी मदद नहीं की। अब ना काम है ना पैसा है।”

उत्तर प्रदेश में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत मनरेगा मजदूरों की संख्या 227.34 लाख है। मनरेगा आयुक्त जेएस चंदौली बताते हैं, “मनरेगा का पैसा बहुत दिन पहले आ गया है। लगभग हर जिले और ब्लॉक में पैसा मिल गया है। अब अगर मनरेगा मजदूरों को पैसा नहीं मिल रहा हैं इसके लिए वीडीओ जिम्मेदार है। पैसा निकालने में है तो देर से पैसा मिलने का कोई कारण नहीं है।”

काकोरी ब्लॉक के कल्लू रावत (65 वर्ष) बताते हैं,” जुलाई में जो काम किया उसका भी पैसा नहीं मिला। उसके बाद आठ दिन फरवरी माह में काम किया उसका भी पैसा हमें नहीं मिला है, प्रधान से कई बार पैसे की मांग की है तो उन्होंने बताया कि वीडीओ साहब ने कहा है कि अभी पैसा नहीं आया है। बहुत से प्रधानों ने पैसा तो निकाला लेकिन अभी मनरेगा मजदूरों को इसकी जानकारी ही नहीं। ग्राम पंचायत धावर के प्रधान राजेंद्र कुमार रावत बताते है, “हम लोगों को मनरेगा मजदूरी का पैसा नहीं मिला है, इसकी वजह से हम लोग अभी मनरेगा मजदूरी नहीं दे पाए हैं। वीडीओ से कई बार बात करी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”

हम लोगों को मनरेगा मजदूरी का पैसा नहीं मिला है, इसकी वजह से हम लोग अभी मनरेगा मजदूरी नहीं दे पाए हैं। वीडीओ से कई बार बात करी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
राजेंद्र कुमार रावत, ग्राम पंचायत धावर, लखनऊ

रामखिलावन आगे बताते है, “कई मनरेगा मजदूर हैं जो अपने गांव में काम के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन अभी उन्हें काम नहीं मिल रहा है, जब समय से पैसा नहीं मिलता तब हमें काम करने के लिए शहर जाना पड़ता है, कैसे घर परिवार से दूर रहकर हम मजदूरी करते हैं, उसके बाद भी ज्यादा बचत भी नहीं कर पाते हैं।”

मनभवना ग्राम पंचायत की महिला प्रधान राजकुमारी बताती हैं, “यहां पर मनरेगा मजदूर हम से काम नहीं मांगते क्योंकि पैसा उन्हें समय पर नहीं मिलता। पिछले काम का पैसा बहुत से मजदूरों का बकाया है।” मनरेगा की उपायुक्त प्रतिभा सिंह बताती हैं, “मनरेगा का पैसा न मिलने की वजह से काम देने में समस्या हो रही थी लेकिन जैसे ही पैसा आया वैसे ही लोगों की काम की मांग बढ़ने लगी। मनरेगा मजदूरों का पैसा जनवरी माह में आ गया था। लगभग हर जिले में पैसा निकाल भी लिया गया है। जिन मनरेगा मजदूरों को पैसा नहीं मिल रहा है उन्हें शिकायत ब्लॉक पर करनी होगी।”

प्यारे लाल (50 वर्ष) बताते हैं, “धावक ग्राम पंचायत आदर्श ग्राम होने के बावजूद भी एक महीने और 15 दिन काम करने के बाद पैसा हमें नहीं मिला है। कहा गया था कि पैसा आ गया है आप काम शुरू करो पैसा तुम लोगों को हफ्ते भर में मिल जाएगा लेकिन 15 दिन हो गए हैं और हमें पैसा नहीं मिला है। अगस्त माह में हमने काम किया था उसका भी पैसा हमें अभी तक नहीं दिया गया है। होली का त्योहार सिर पर है, कोटेदार ममता है जिन्होंने साल में सिर्फ एक बार हमें राशन दिया है। मनरेगा मजदूर क्या खाएगा क्या बचाएगा यह सरकार बताए।”

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