अक्सर बंद रहता है मलिकापुर गाँव का आंगनबाड़ी केंद्र

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अक्सर बंद रहता है मलिकापुर गाँव का आंगनबाड़ी केंद्रकेंद्र बहुत कम खुलता है जिससे बच्चों के कुपोषित होने का खतरा अधिक है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। सरकार गर्भवती और नौनिहालों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, लेकिन व्यवस्था में लगे कुछ कर्मी उसे चौपट करने में लगे हैं। जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर बसे बलारपुर मलिकापुर गाँव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मिलने वाला लाभ इनके पहुंच से दूर है। बच्चों के कुपोषित होने का खतरा अधिक है। केंद्र बहुत कम खुलता है।

बलारपुर गाँव स्थित प्राथमिक स्कूल में चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ाई भी नहीं होती है। न ही सभी बच्चों को किताबें दी जाती हैं। खिलौने भी नौनिहालों के लिए मयस्सर नहीं हैं। पुष्टाहार केवल तीन-चार बार ही दिया जाता है। गाँव वालों का कहना है कि पुष्टाहार वितरण होने के बजाए बिक्री कर लिया जाता है।

अफसरों के भ्रमण की भनक लगते सारी व्यवस्थाएं चाक-चैबंद हो जाती हैं। इसके बाद तीन-चार दिन तो ठीक चलेगा, बाद में फिर व्यवस्था ढाक के तीन पात दिखने लगती है। आंगनबाड़ी केंद्र की देखरेख कम व कम खुलने की वजह से आस-पास गंदगी है। गाँव के लोग यहां मक्का सुखाते हैं। कार्यकत्रियों के कम आने की वजह से पात्रों को विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रही है। बच्चों के विकास पर भी प्रभाव पड़ रहा है। बताया यह भी गया है कि दवा भी जरूरत पर नहीं दी जाती है। पुष्टाहार न मिलने से बच्चों के कुपोषित होने का खतरा बना हुआ है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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