एक ऐसी सीट जहां कभी नहीं खुला BJP का खाता

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एक ऐसी सीट जहां कभी नहीं खुला BJP का खाताइस क्षेत्र की जनता ने 14 बार विधानसभा के चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधियों का चयन किया है। इसमें कभी भी भाजपा ने सीट नहीं जीती।

श्रीवत्स अवस्थी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

उन्नाव। राजनीति में बांगरमऊ विधानसभा अपना अलग स्थान रखती है। बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र लखनऊ की सीमा के नजदीक है। इस क्षेत्र की जनता ने 14 बार विधानसभा के चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधियों का चयन किया है। इसमें कभी भी भाजपा ने सीट नहीं जीती। भाजपा की कोशिश है कि आगामी चुनाव में वह मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारकर हार की राह को बंद कर सके।

1982 से पहले विधानसभा चुनाव में बांगरमऊ सीट को सुरक्षित रखा गया। इसमें कांग्रेस से सेवाराम को सर्वप्रथम सफलता मिली थी। इसी सीट से गोपीनाथ दीक्षित ने 1969, 1980, 1985, 1991 के चुनाव में जीत दर्ज कर सबसे अधिक चार बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। गोपीनाथ दीक्षित दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के ससुर थे। गोपीनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने तीन बार विजय प्राप्त की।

इसमें 1993 अशोक कुमार सिंह, 2007 में कुलदीप सिंह सेंगर व 2012 में बदलू खां ने बाजी मारी। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के पास ही यह सीट है। 2012 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामशंकर पाल को मात्र 13 फीसदी वोट ही मिल सके थे। उधर, बसपा के राम शंकर पाल ने भी 1996 व 2002 में जीत हासिल की।

कांग्रेस, सपा और बसपा के उम्मीदवार तो इस सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे लेकिन भाजपा के उम्मीदवारों को हर बार मुंह की खानी पड़ी। कभी वह दूसरे स्थान पर रहे तो कभी तीसरे स्थान पर खिसक गए। 1985 में हुए चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़ने वाले बृजपाल सिंह चौहान आठवें नंबर पर रहे थे। आजादी के बाद से सामान्य सीट होने के बाद भी भाजपा का बांगरमऊ सीट पर कब्जा न कर पाना अपने आप में एक बड़ा प्रश्न है।

भाजपा को इस सीट से दो बार 1993 व 1996 में दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बदलू खां ने बीएसपी के इरशाद खां को लगभग 13 हजार मतों से हराकर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा के रामशंकर पाल को तीसरा और कांग्रेस के अशोक कुमार सिंह बेबी को चौथा स्थान हासिल हुआ था।

बाढ़ की विभीषिका है सबसे बड़ी समस्या

बांगरमऊ विधानसभा का बड़ा क्षेत्रफल गंगा कटरी के किनारे बसा है। ऐसे में हर साल यहां की बड़ी आबादी को बाढ़ की विभीषिका से दो चार होना पड़ता है। बाढ़ की समस्या से कटरी क्षेत्र के लोगों की नींद गायब रहती है। वहीं कच्ची शराब, बिजली और बेरोजगारी भी प्रमुख समस्याओं में शामिल है। इस क्षेत्र में अभी भी ऐसे कई गाँव हैं जहां बिजली ही नहीं पहुंची है।

साक्षी महाराज को मिला भरपूर साथ

बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद ने अच्छी खासी बढ़त बना कर सफलता अर्जित की थी। साक्षी महाराज को बांगरमऊ विधानसभा से 85000 मत मिले थे जबकि समाजवादी पार्टी के अरुण कुमार शुक्ला को लगभग 35837, बृजेश पाठक को 33457 व अन्नू टण्डन को 2596 लोगों ने वोट दिया था। इससे साफ दिखता है कि लोकसभा चुनाव में बांगरमऊ की जनता भाजपा का भरपूर साथ दिया था। यही साथ आगामी चुनाव में बरकरार रहेगा की नहीं यह चुनाव के परिणाम से पता चल सकेगा।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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