दादी की दशा देख 9वीं के बच्चे ने बना डाली पार्किंसन बीमारी में मददगार लेजर छड़ी

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दादी की दशा देख 9वीं के बच्चे ने बना डाली पार्किंसन बीमारी में मददगार लेजर छड़ीकानपुर देहात के कक्षा नौवीं के छात्र पार्थ बंसल ने पार्किंसन बीमारी को मात देने के लिए छड़ी बनाई है

नीतू सिंह/भारती सचान

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

पुखरायां (कानपुर देहात)। बचपन में खिलौने को तोड़कर कुछ नया बनाने की कोशिश करने वाले कक्षा नौवीं के छात्र पार्थ बंसल ने पार्किंसन बीमारी को मात देने के लिए छड़ी बनाई है। इस बीमारी से ग्रसित अपनी दादी को राहत देने के लिए उन्होंने इस आविष्कार को साकार किया है।

कानपुर देहात जिला मुख्यालय से लगभग 25 किमी दूर पश्चिम दिशा में पुखरायां कस्बे के सुभाषनगर नगर मोहल्ले में रहने वाले पार्थ बंसल (14 वर्ष) ने “लेज़र केन” नाम की एक ऐसी छड़ी बनाई है जिसमें रेड कलर की लेजर लाइट लगी है। इस छड़ी को लेकर चलने से मरीज को रेड कलर की लेजर लाइट को देखकर ऐसा लगता है कि सामने कुछ रखा है और इसी के सहारे से वह चलता जाता है। पिछले वर्ष 7 नवम्बर को पार्थ को इस छड़ी के आविष्कार के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इग्नाइट अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

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पार्थ कहते हैं, ‘मुझे बचपन से ही नई-नई चीजों को बनाने का शौक था, जब मेरी दादी को पार्किंसन बीमारी हुई और डॉक्टर साहब ने एक ऐसी छड़ी का जिक्र किया जिससे दादी चल सकती थीं तो मुझे इसे बनाने का विचार आया।’ पार्थ आगे बताते हैं, ‘मेरे पापा ने उस छड़ी की चर्चा जब मुझसे की तो मैंने उस छड़ी को बनाना शुरू कर दिया।’

पिछले वर्ष 7 नवम्बर को पार्थ को इस छड़ी के आविष्कार के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इग्नाइट अवॉर्ड से सम्मानित किया था।


इस लेजर केन छड़ी को बनाने के लिए पार्थ को सिर्फ दो बार मशक्कत करनी पड़ी। अब इस छड़ी ने उनकी दादी का समस्या का काफी हद तक हल कर दिया है। शुरुआती दौर में इस छड़ी को बनाने में जो कमी रह गई थी उसे पार्थ ने जल्दी ही ठीक किया। उन्होंने वर्ष 2014 में इस छड़ी को बनाना शुरू किया था। इसकी लागत सिर्फ दो हजार रुपए आई थी। पार्थ के पिता संदीप बंसल (43 वर्ष) का कहना है, ‘पार्थ को बचपन से विज्ञान की तरफ बहुत रूचि थी। वो हमेशा नई-नई चीजों को बनाता रहता था।’ वे आगे कहते हैं, ‘पार्थ बचपन से ही जिज्ञासू था। इसके पास हमेशा नए आइडियाज होते हैं। हमारा पूरा परिवार पार्थ के हर क़दम में साथ देता है।’

     

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