ऑनलाइन भी अटक गए स्कूलों में बच्चों के दाखिले
Meenal Tingal 25 March 2017 6:49 PM GMT

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। आरटीई के तहत गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिले कराने की प्रक्रिया को पहली बार ऑनलाइन शुरू किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया में भी कई ऐसी कमियां रखी गयी हैं, जिससे स्कूल में बच्चों के दाखिलों की प्रक्रिया में इस बार भी पेंच फंस सके और स्कूल इस बार भी दाखिले देने से बचते रहें।
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अपनी चार वर्ष की बच्ची पाखी राजपूत के दाखिले के लिए भटक रहे अभिभावक कहते हैं, “पिछले वर्ष भी हम बच्ची के दाखिले के लिए भटकते रहे, लेकिन एडमिशन नहीं हो सका। इस बार ऑनलाइन आवेदन करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। टाउनहॉल स्कूल में बच्ची का दाखिला करवाना है, लेकिन टाउनहॉल का नाम तो है लेकिन शाखा नहीं दी गयी है। अब अगर टाउनहॉल स्कूल का नाम आवेदन के लिए दिया तो पता नहीं कौन सी शाखा में बच्ची को भेज दिया जाये।” वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 3 दिसम्बर 2012 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह शासनादेश जारी किया गया था कि निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें निर्धन वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित रखी जायेंगी। इन सीटों पर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जायेगी। शासनादेश जारी होने के बाद वर्ष 2015 में 4400 व 2016 में सिर्फ 17000 बच्चों का दाखिला स्कूलों में करवाया गया, जो आंकड़ों में काफी कम हैं।
पहली बार दाखिलों के आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। हो सकता है कि कुछ कमियां रह गयी हों। इन कमियों को कुछ दिनों में सुधार लिया जायेगा।प्रवीन मणि त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा अधिकारी
अब तक सिर्फ 1600 आवेदन ऑनलाइन
इस वर्ष ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अब तक उत्तर प्रदेश से लगभग 1600 आवेदन किये गये हैं। वहीं ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत अकेले लखनऊ से लगभग 4000 फार्म बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यलय में जमा करवाये गये हैं, जिनको ऑनलाइन किये जाने की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।
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