मेरठ: नाले खुले, सड़क पर कूड़ा, डीएम का आदेश भी अधूरा

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मेरठ: नाले खुले, सड़क पर कूड़ा, डीएम का आदेश भी अधूराएक तरफ नाले में दिखती है गंदगी तो दूसरी तरफ सड़क पर फैला दिखाई देता है कूड़ा।

बसंत कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। डीएम बी. चंद्रकला के निर्देश और सख्ती के बावजूद मेरठ आज भी गंदगी का शहर बना हुआ है। लोगों के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए, मगर अफसरों की हीला-हवाली के कारण आज भी शहर के ज्यादातर नाले खुले हैं और नाले से निकला कूड़ा सड़क पर पड़ा रहता है।

शहर में खेल के सामानों का मुख्य बाज़ार सूरजकुंड हो या ऐतिहासिक शहीद स्मारक हो, हर जगह खुले नालों को कारण चलना दूभर है। सूरजकुंड में खेल के समान की दुकान चलाने वाले राजवीर बताते हैं कि खेल के समान का यह सबसे मशहूर बाज़ार है। यहाँ बाहर से भी लोग खेल के समान खरीदने आते हैं। मगर पूरे बाजार में इतनी गंदगी फैली रहती है, जिससे लोग यहां आने से कतराते हैं। ऐसे में हमारी बिक्री पर भी असर पड़ता है।

शहर की यह स्थिति तब है जब डीएम बी. चंद्रकला का निर्देश है कि क्षेत्र में कहीं भी कूड़ा जमा देखने पर नगर निगम के टोल फ्री नम्बर पर कॉल करके सूचना दें। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र, साकेत में प्रशिक्षण लेने आने वाले आलोक बताते हैं, ‘’शहर के किसी भी क्षेत्र में नाले के ऊपर ढक्कन नहीं बना है। मैंने कई बार फोन किया, लेकिन नगर निगम की तरफ से कोई सफाई नहीं होती है।’’

इस सम्बन्ध में बातचीत करते हुए मेरठ के मेयर हरिकांत अहलुवालिया बताते हैं, ‘’नगर निगम को राज्य सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। आरसीसी के ऊपर बने नालों को कवर करने के लिए प्रदेश सरकार को हमने चार साल पहले 403 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।’’

नगर निगम को राज्य सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। आरसीसी के ऊपर बने नालों को कवर करने के लिए प्रदेश सरकार को हमने चार साल पहले 403 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।
हरिकांत अहलुवालिया, मेयर, मेरठ।

महिला पॉलिटेक्निक के बाहर ही जलता है कूड़ा

महिला पॉलिटेक्निक के बाहर ही कूड़ा डालने से पूरे परिसर में रहती है बदबू।

शहर के साकेत में बने महिला पॉलिटेक्निक केंद्र के बाहर वर्षों से कूड़ा जमा होता है और जलाया जाता है। जिसके कारण केंद्र में पढ़ने वाली सौ से ज्यादा लड़कियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

यहाँ कूड़ा होने के कारण ग्राउंड में खड़ा होने भी मुश्किल है। इतना ही नहीं, दोपहर के समय जब कूड़ा जलता है तो क्लास रूम में बैठना तक मुश्किल हो जाता है।
रोशनी, छात्रा, महिला पॉलिटेक्निक

पॉलिटेक्निक केंद्र के अध्यापक ललित कुमार गर्ग बताते हैं, ‘’हमने इसके लिए कई बार शिकायत किया। जब शिकायत करते हैं तो नगर निगम ठीक से सफाई करते हैं, लेकिन कुछ रोज बाद फिर वही लापरवाही होती है। यहाँ कूड़ा डालने से केंद्र के अंदर खाना खाना और खड़ा होना तक मुश्किल होता है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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