कुंदरू-परवल पर सड़वा रोग का खतरा 

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कुंदरू-परवल पर सड़वा रोग का खतरा परवल और कुंदरू की खेती कर रहे किसानों के लिए सड़वा रोग परेशानी का कारण बना हुआ है।

होरीलाल, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रायबरेली। जिले के हरचंदपुर ब्लॉक में परवल और कुंदरू की खेती कर रहे किसानों के लिए सड़वा रोग परेशानी का कारण बना हुआ है। इस रोग के कारण फसल पकने से पहले की सूख जाती है, जिससे ना चाहते हुए भी लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

हरचंदपुर ब्लॉक से दक्षिण दिशा में आठ किमी की दूरी पर रहवां ग्रामसभा में दो बीघा खेत में कुंदरू और परवल फसलों की खेती कर रहे गोवर्धन (65 वर्ष) ने बताया, ‘’ हम पांच सालों से कुंदरू परवल की खेती करते हैं, लेकिन इस वर्ष कुंदरू की फसल में फल लगते ही जड़ सूख रही है। इससे पूरा का पूरा पौधा सूख जाता है।’’

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रायबरेली जिले में सबसे अधिक सब्जियों की खेती हरचंदपुर ब्लॉक में की जाती है। यहां पर रहवां, चकसुंडा, अंगुरी, सोड़वा और करौंदी गाँवों में परवल- कुंदरू जैसी सब्जियों के खेती कर रहे सैकड़ों किसान इस समस्या से परेशान हैं।

चकसुंडा गाँव में एक बीघा खेत में परवल की खेती कर रहे किसान भइया लाल (48 वर्ष) ने बताया कि एक बीघे में परवल बोने में बीज,खाद और सिंचाई का खर्चा करने के बाद जब फसल के पकने का समय आया है, तो अब पौधे सूख रहे हैं।

सड़वा रोग से परवल कुंदरू जैसी फसलों के बचाव के बारे में खुशहाली कृषि केंद्र, बछरावां के केंद्र प्रभारी अमित श्रीवास्तव ने बताया,’’ अधिक गर्मी के कारण परवल की पौध की जड़ों में सड़वा रोग लग जाता है। यह रोग पौधे की जड़ों के चारों तरफ लगता है, जिससे जड़ के साथ साथ फल भी सूख जाता है।’’ उन्होंने आगे बताया कि कुंदरू-परवल में सड़वा रोग के प्रकोप को खत्म करने के लिए 60 ग्राम बैक्ट्रीमाईसीन दवा को 20 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

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