तहजीब की नगरी में सहनी पड़ती है ऑटो वालों की बदजुबानी

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तहजीब की नगरी में सहनी पड़ती है ऑटो वालों की बदजुबानीरोज़ की भाग दौड़ में ऑटो चालक लोगो से नाजायज किराये की मांग करते नज़र आते हैं ।

मोहित अस्थाना, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

लखनऊ । सूबे का निज़ाम भले ही बदल गया हो लेकिन सूरतेहाल बदलने के लिए बहुत कुछ करना बाकी हैं। बदलाव के इस दौर में आम आदमियों की आम समस्या को लेकर खास मुद्दे भी शुमार है । तहजीब कि नगरी और सूबे की राजधानी का आम आदमी ऐसे ही कई छोटे छोटे बदलाओं की आस जोह रहा है । अपने रोजमर्रा के कामों के सिलसिले में शहर के एक से दूसरे और तीसरे हिस्से तक रोज़ की भाग दौड़ में ऑटो चालक लोगो से नाजायज किराये की मांग करते नज़र आते हैं । इनका किसी भी रूट का निर्धारित किराया नहीं है ।

कानपुर निवासी दैनिक यात्री विनोद श्रीवास्तव(45) का कहना है, “गोमती नगर स्थित आंबेडकर चौराहे से चारबाग़ का ऑटो का किराया 20 रुपये है लेकिन बहुत से आटो वाले 25 रुपये मांगते हैं अगर उनसे कहो कि पड़ते तो 20 रुपये हैं तो वो जबरदस्ती पर उतर आते हैं ।“

वहीं आलमबाग निवासी रेनू(28) ने बताया कि, “आलमबाग से चारबाग किराया 10 रुपये है लेकिन कुछ आटो वाले 15 रुपये मंगाते हैं । जब उनसे कहो रोज आते जाते हैं 10 रुपये ही पड़ते हैं तो वो जबरदस्ती पैसे मांगने लगते हैं। यह केवल इनकी ही समस्या नहीं हैं। शहर के हर रूट की स्थिति यही हैं।“

रूट डाईवर्जन की वजह से ऑटो वालों को घूम के जाना पड़ता है जिस वजह से किराया अधिक लेते है। ईधन भी ज्यादा खर्च होता है। इसलिए वो ज्यादा किराये की मांग करते है। पांच छह महीने में डाईवर्जन ख़त्म हो जायेगा उसके बाद पुराना किराया ऑटो चालक लेंगे। वैसे अभी यूनियन की तरफ से कोई किराया नहीं बढ़ाया गया हैं।
पंकज दीक्षित, अध्यक्ष, लखनऊ ऑटो यूनियन

उन्नाव निवासी शरद त्रिपाठी(30) बताते हैं कि मेरा ऑफिस गोमतीनगर सीएमएस के पास हैं। वापसी में अक्सर किराये को लेकर ऑटो वालों से बहस हो जाती हैं इसलिए अब किराया पहले ही पूछ लेता हूँ।

गोमतीनगर से चारबाग़ के बीच चलने वाले ऑटो चालक नसीम ने बताया कि, “हम लोग तो निर्धारित किराया ही लेते हैं लेकिन कुछ दबंग तरह के लोग यात्रियों से मनमाना किराया वसूल करते है।“

    

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